भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे हफ्ते भी बढ़ा है. 31 जनवरी को समाप्त हफ्ते में यह 1.05 अरब डॉलर बढ़कर 630.607 अरब डॉलर हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 5.574 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी, जिससे यह 629.557 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. आरबीआई के अनुसार, इस हफ्ते भारत का सोने का भंडार (गोल्ड रिजर्व) 1.1242 अरब डॉलर बढ़कर 70.893 अरब डॉलर हो गया है. इसके अलावा, स्पेशल ड्राइंग राइट्स भी 29 मिलियन डॉलर बढ़कर 17.889 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की रिजर्व पोजीशन 14 मिलियन डॉलर घटकर 4.141 अरब डॉलर रह गई है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने नवंबर 2024 में 8 टन सोना खरीदा. इस दौरान दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों ने सामूहिक रूप से 53 टन सोना खरीदा. आरबीआई अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह ही महंगाई से बचाव (हेजिंग) और विदेशी मुद्रा के जोखिम को कम करने के लिए सोने में निवेश कर रहा है. मौजूदा समय में वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए सोने को एक सुरक्षित संपत्ति माना जाता है.
आरबीआई जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में उतार-चढ़ाव देखता है, तो बाजार में डॉलर बेचकर रुपये की स्थिति मजबूत करता है. यह विदेशी मुद्रा भंडार रुपये की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा, आरबीआई ने वित्तीय बाजारों में व्यापार और निपटान समय की समीक्षा के लिए नौ सदस्यीय कार्य समूह भी गठित किया है. भारत का बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे वैश्विक अस्थिरता के समय आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी.