भारतीय नेताओं ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की वार्षिक बैठक के दौरान बताया कि भारत के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर अब केवल लागत बचत के लिए नहीं, बल्कि नवाचार के केंद्र बन चुके हैं. इस विषय पर कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक ब्रेकफास्ट सत्र में चर्चा की गई. तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डी. श्रीधर बाबू (D. Sridhar Babu) ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं को कौशल विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण और कोचिंग देकर उन्हें नई तकनीकों से अवगत करा रही है. श्रीधर बाबू ने आगे बताया कि यह पहल पूरी तरह उद्योग आधारित है, जिसमें सरकार केवल एक सुविधा प्रदाता की भूमिका निभा रही है.
उन्होंने कहा, “तकनीकी प्रगति के इस युग में भारत को अपने प्रतिभाशाली लोगों पर गर्व होना चाहिए. हमें इन प्रतिभाओं को अगले स्तर तक ले जाने पर ध्यान देना होगा.” श्रीधर बाबू ने यह भी कहा, “हमने अपने कौशल को अगले स्तर तक उन्नत किया है और अब हम नवाचार और प्रगति के केंद्र बन गए हैं. आज लगभग हर राज्य नई तकनीकों, संचालन तकनीकों और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना में जुटा है. ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी सरकारी पहलों ने राज्यों को आगे बढ़ने के लिए बड़ा मंच प्रदान किया है.” गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन नादिर गोदरेज ने कहा, “भारत ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) के क्षेत्र में मजबूत है और हरित ऊर्जा में काफी प्रगति कर रहा है.
देश का मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम उद्योग, सरकार और शिक्षा जगत के बीच सहयोग का बड़ा अवसर प्रदान करता है.” PwC इंडिया के चेयरपर्सन संजीव कृष्णन ने कहा, “GCC पहले केवल लागत बचत के लिए बने थे, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है. अब इन केंद्रों को देशभर में समावेशी और संतुलित विकास के लिए स्थापित किया जा रहा है.” TCS के प्रेसिडेंट-ग्रोथ मार्केट्स, गिरीश प रामचंद्रन ने कहा, “भारत के कौशल विकास अभियान जैसे ‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत दुनियाभर के देश भारत के साथ सहयोग कर सकते हैं. GCC अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं. भारत में प्रतिभा देशभर में फैली हुई है. भारत की डिजिटल प्रगति और नेतृत्व इसे निवेश के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं.”उन्होंने कहा, “हमारी निरंतर प्रगति और नवाचार के साथ, भारत के GCC दुनिया भर में प्रगति के केंद्र बने रहेंगे.”