बढ़ते निजी निवेश के बीच 2025-26 में भारत की विकास दर 7% रहने का अनुमान: CII

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

बिजनेस चैंबर सीआईआई द्वारा रविवार को जारी एक सर्वे के अनुसार, निजी निवेश और रोजगार में वृद्धि से चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की समग्र विकास दर 6.4-6.7 प्रतिशत के आसपास स्थिर रहने की उम्मीद है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026 में भारत की विकास दर बढ़कर 7.0 प्रतिशत होने की संभावना है. सर्वे में कहा गया है कि भारत भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच एक ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में उभरा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार द्वारा शुरू की गई आर्थिक नीतियों ने अर्थव्यवस्था को दोबारा जागृत करने में मदद की है.

सरकार सार्वजनिक पूंजीगत व्यय आधारित विकास पर जोर दे रही है, जो कि देश के आर्थिक विकास में मददगार बन रहा है. पिछले 30 दिनों में किए गए अखिल भारतीय सीआईआई सर्वे ने सुझाव दिया कि 75 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि वर्तमान आर्थिक माहौल निजी निवेश के लिए अनुकूल है. सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “सर्वे में शामिल 70 प्रतिशत फर्मों ने कहा कि वे वित्त वर्ष 2026 में निवेश करेंगी, इसलिए अगली कुछ तिमाहियों में निजी निवेश में वृद्धि हो सकती है.”

आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन भी हाल की नीतिगत चर्चाओं में केंद्र में रहा है. 2047 तक विकसित भारत का भारत का विजन “अच्छी गुणवत्ता वाली नौकरियों के सृजन” की अनिवार्यता पर अच्छा प्रदर्शन करने पर टिका है. सर्वे के शुरुआती नतीजों से पता चलता है कि लगभग 97 प्रतिशत सैंपल फर्मों द्वारा 2024-25 और 2025-26 दोनों में रोजगार बढ़ाने की संभावना है. वास्तव में, प्रतिभागियों की 79 प्रतिशत फर्मों ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में अधिक लोगों को जोड़ा है.

10 फीसदी तक रोजगार में हो सकती है बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में अपेक्षित रोजगार सृजन की सीमा पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, लगभग 97 प्रतिशत फर्मों ने संकेत दिया कि रोजगार में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें 42 प्रतिशत से 46 प्रतिशत फर्मों ने मौजूदा वर्कफोर्स के अलावा रोजगार में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया है और उनमें से लगभग 31 प्रतिशत से 36 प्रतिशत ने 10 प्रतिशत तक रोजगार में आपेक्षित वृद्धि का संकेत दिया है.

सर्वे में शामिल अधिकांश फर्मों ने संकेत दिया कि सीनियर मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, सुपरवाइजरी लेवल पर रिक्तियों को भरने में एक से छह महीने के बीच का समय लगता है, जबकि नियमित और संविदात्मक श्रमिक के रिक्त पदों को भरने में कम समय लगता है. सर्वे में शामिल सैंपल फर्मों के एक बड़े अनुपात (40 प्रतिशत से 45 प्रतिशत) ने सीनियर मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, सुपरवाइजरी लेवल और नियमित श्रमिक के लिए औसत वेतन में वृद्धि देखी, जो वित्त वर्ष 2025 में 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की सीमा में थी. वित्त वर्ष 24 में भी यही ट्रेंड रहा. सीआईआई सर्वे सभी उद्योग आकारों (बड़े, मध्यम और छोटे) में फैली 300 फर्मों के सैंपल पर आधारित था.

–आईएएनएस

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