भारत की विकास गाथा अक्षुण्ण और बैंकों का बहीखाता मजबूत… इकोनॉमी को लेकर बोले RBI गर्वनर

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

RBI Governor: गुरुवार को एफआईबीएसी 2024 के उद्घाटन भाषण में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी चालक गति पकड़ रहे हैं और देश निरंतर वृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों तथा बाजारों में व्यापक स्तर पर बदलाव देखने को मिल रहे हैं और देश इन बदलाव के लिए तैयार है. शक्तिकांत दास ने कहा कि उन्नत अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में हमारे देश की यात्रा को विभिन्‍न कारकों के अनूठे मिश्रण से बल मिल रहा है. इन कारकों में युवा व ऊर्जस्वी आबादी, मजबूत लोकतंत्र, जुझारू व विविध अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता व नवाचार की समृद्ध परंपरा शामिल है.

बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत

केंद्रीय बैंक के गर्वनर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की वृद्धि गाथा अक्षुण्ण है और बैंकों का बहीखाता मजबूत है. उन्‍होंने प्राइवेट सेक्‍टर से व्यापक स्तर पर निवेश बढ़ाने का आग्रह किया. गवर्नर ने कहा कि आंकडों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी वृद्धि कारक हकीकत में गति पकड़ रहे हैं और वे धीमे नहीं पड़ रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि इससे हमें यह कहने का साहस मिलता है कि भारतीय विकास की गाथा बरकरार है. अपने भाषण में गवर्नर ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और ‘इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड’ (IBC) जैसे सुधारों से दीर्घकालिक सकारात्मक रिजल्‍ट सामने आए हैं.

महंगाई और वृद्धि के बीच है सही संतुलन

गर्वनर शक्तिकांत दास ने भूमि, श्रम तथा कृषि बाजारों में और अधिक सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्‍होंने कुल मुद्रास्फीति के मायने स्वीकार करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति तथा वृद्धि के बीच सही संतुलन कायम है. दास ने कहा कि बेहतर मानसून और खरीफ की अच्छी बुवाई से खाद्य महंगाई का परिदृश्य अधिक अनुकूल हो सकता है. वित्तीय क्षेत्र को समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मंच तक पहुंच बढ़ानी चाहिए और उनका इस्तेमाल करना चाहिए.

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