India Insurance Sector: भारत ने इंश्योरेंस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है. देश के इंश्योरेंस सेक्टर ने वित्त वर्ष 2020-23 के दौरान 11% की सीएजीआर वृद्धि हासिल की है. अपने इस ग्रोथ के दम पर इंश्योरेंस सेक्टर ने चीन और थाईलैंड जैसे देशों को भी पछाड़ दिया है. एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, इंश्योरेंस सेक्टर ने 130 बिलियन डॉलर से ज्यादा का जीडब्ल्यूपी दर्ज किया है, जो कि थाईलैंड और चीन से भी ज्यादा है.
भारत के मुकाबले चीन और थाईलैंड के इंश्योरेंस सेक्टर के लिए यह वृद्धि 5% से भी कम रही. वैश्विक प्रबंधन संबंधित परामर्शदाता फर्म मैक्किंज़े एंड कंपनी की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री सालाना आधार पर 11% की वृद्धि के साथ 2023 तक 107 बिलियन डॉलर की हो गई है. जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री सालाना आधार पर 15% की वृद्धि के साथ बढ़कर 35.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, इंश्योरेंस और उससे जुड़े दूसरे सेक्टर में अनुकूल परिस्थितियां इंडस्ट्री को आगे बढ़ने के लिए बेहतर स्थिति में हैं. इसके अलावा, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने ग्राहक यात्रा को सरल बनाने और डिजिटल इनोवेशन को पेश करने के लिए विनियामक हस्तक्षेप बनाए हैं. दूसरी ओर प्राइवेट कंपनियों के उभरने से परिचालन दक्षता, टेक्नोलॉजी और निवेश में बदलाव आया है.
बीमा धारकों की बढ़ रही है संख्या
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बीमाकर्ता बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की स्थिति में हैं, हालांकि, पूंजी आकर्षित करने और विकास को बनाए रखने को लेकर उनके सामने कई चुनौतियां बनी हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2047 तक सभी के लिए बीमा के विनियामक के लक्ष्य के बावजूद, उद्योग की प्रवेश दर 2022 में 4.2 प्रतिशत से घटकर 2023 में 4.0 प्रतिशत हो गई, जो दर्शाता है कि इसकी प्रगति देश की आर्थिक वृद्धि के बराबर नहीं रही है.
क्या है चुनौतियां ?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नए बिजनेस प्रीमियम में 17.2% सीएजीआर हासिल करने के बावजूद, भारत की टॉप पांच प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में शुद्ध लाभ में 2% से कम सीएजीआर दर्ज करवाया है. यह प्रोडक्ट इनोवेशन, वितरण दक्षता और रिन्यूवल मैनेजमेंट के बीच एक अंतर को दिखाता है