वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने बुधवार को बताया कि घरेलू बाजार का बड़ा आकार भारत की बाहरी मांग पर निर्भरता को कम करता है और देश को अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से होने वाले प्रभाव को कम करने में मदद करेगा, जिससे अर्थव्यवस्था FY26 में 6.5% की वृद्धि से बढ़ सकती है. रेटिंग्स एजेंसी ने FY26 के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 6.5% पर बरकरार रखा है. वहीं, FY27 के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 6.3% कर दिया है, जो कि दिसंबर में घोषित किए गए अनुमान 6.2% से 0.1% अधिक है.
फिच का पूर्वानुमान ओईसीडी की तुलना में बेहतर है, जिसने FY26 में 6.4% की वृद्धि का अनुमान जताया था. हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक के 6.7% के अनुमान से कम है. हाल ही में मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा के चलते पैदा हुई वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत को एशिया में सबसे अच्छी स्थिति वाला देश बाताया था. इसकी वजह देश का गुड्स एक्सपोर्ट टू जीडीपी रेश्यो कम होना और आर्थिक आधार का मजबूत होना था.
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.2% रही है, जो कि इससे पहले की तिमाही की वृद्धि दर 5.6% से अधिक है. जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर दो वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई थी. फिच की रिपोर्ट में बताया गया कि हमें नहीं लगता कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में आई गिरावट का लंबी अवधि में आर्थिक गतिविधि को कोई असर होगा.
कंज्यूमर और बिजनेस का विश्वास उच्च स्तर पर बना हुआ है और निवेश से इन्फ्रास्ट्रक्चर को समर्थन मिल रहा है. रिपोर्ट में आगे कहा कि क्षमता उपयोग भी उच्च स्तर पर बना हुआ है और मासिक व्यापार डेटा अक्टूबर में निर्यात में वृद्धि को दिखाता है. रिपोर्ट में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रह सकती है. फिच ने भारत में महंगाई दर के अनुमान को 4% पर बरकरार रखा है। वित्त वर्ष 27 के लिए पूर्वानुमान को पहले के 4% से बढ़ाकर 4.3% कर दिया गया.