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भारत का सीफूड निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है. यह जानकारी वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई. सरकार ने बताया कि फ्रोजन झींगा की कुल निर्यात में हिस्सेदारी दो-तिहाई से अधिक थी. वित्त वर्ष 24 में सीफूड का कुल निर्यात 1.78 मिलियन मीट्रिक रहा था और इसकी वैल्यू 60,523.89 करोड़ रुपये थी.
एक फरवरी को बजट से पहले इस जानकारी को काफी अहम माना जा रहा है. भारत के सीफूड निर्यात को और मजबूत करने के लिए, सरकार ने झींगा और मछली फीड उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण इनपुट पर आधार सीमा शुल्क (बीसीडी) को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इसमें ब्रूडस्टॉक, पॉलीचेट वर्म और विभिन्न फीड घटकों को भी शामिल किया गया है.
मछली फीड के निर्माण के इनपुट पर अतिरिक्त छूट
सरकार के अनुसार, झींगा और मछली फीड के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले इनपुट पर अतिरिक्त छूट लागू होगी. सरकार का कहना है कि सीमा शुल्क में कटौती से इस सेक्टर की प्रतिस्पर्धी क्षमता में इजाफा होगा.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक्वाकल्चर इंडस्ट्री को समर्थन देने के लिए कई कर सुधार लागू किए हैं. इसमें क्रिल मील, फिश लिपिड ऑयल, क्रूड फिश ऑयल, एल्गल प्राइम (आटा) और एल्गल ऑयल पर कर कटौती और आवश्यक फीड सामग्री के लिए बीसीडी घटाकर 5 प्रतिशत करना शामिल है.
वित्त वर्ष 24 में अमेरिका, भारत के सीफूड का सबसे बड़ा आयातक था. देश के कुल सीफूड निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 34.53 प्रतिशत या 2.55 अरब डॉलर थी. इस अवधि में फ्रोजन झींगा की यूएस को किए गए सीफूड निर्यात में हिस्सेदारी 91.9 प्रतिशत थी.
भारत के सीफूड निर्यात में चीन दूसरे नंबर पर था. चीन को 1.38 अरब डॉलर मूल्य के 4,51,000 मीट्रिक टन सीफूड का निर्यात किया गया है. इसके बाद जापान तीसरे स्थान पर था. फिर वियतनाम, थाईलैंड, कनाडा, स्पेन, बेल्जियम, यूएई और इटली का स्थान रहा.