अप्रैल-अक्टूबर में 7 प्रतिशत बढ़ा भारत का कपड़ा और परिधान निर्यात

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

कपड़ा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारत के कपड़ा और परिधान (हस्तशिल्प सहित) के कुल निर्यात 7% बढ़कर 21.36 बिलियन डॉलर हो गया. वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के लिए यह आंकड़ा 20.01 बिलियन डॉलर था. वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारत के कुल कपड़ा निर्यात में 8.73 बिलियन डॉलर के रेडीमेड गारमेंट्स निर्यात ने सबसे बड़ी 41% हिस्सेदारी हासिल की.

चालू वित्त वर्ष की सात महीने की अवधि के दौरान निर्यात सूची में सूती वस्त्र 33% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है, जिसका मूल्य 7.08 बिलियन डॉलर है, इसके बाद मानव निर्मित वस्त्र (15%, 3.105 बिलियन डॉलर) का स्थान है. भारत के लिए प्रमुख कपड़ा और परिधान निर्यात गंतव्य अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं, जिनकी कुल कपड़ा और परिधान निर्यात में लगभग 47% हिस्सेदारी है. भारत एक प्रमुख कपड़ा और परिधान निर्यातक देश है.

वस्त्रों में आयात का बड़ा हिस्सा पुनः निर्यात या कच्चे माल की उद्योग आवश्यकताओं के लिए होता है. लाल सागर के आसपास भू-राजनीतिक संकटों के कारण वित्त वर्ष 2024 में निर्यात शुरू में कम रहा। इस वजह से जनवरी, फरवरी और मार्च 2024 के दौरान जहाज की आवाजाही प्रभावित रही. बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान सभी प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि देखी गई है.

केवल ऊन और हथकरघा में क्रमशः 19% और 6% की गिरावट आई है. कपड़ा और वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान परिधान (हस्तशिल्प सहित) में 1% की गिरावट आई है (5.425 बिलियन डॉलर) जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि (5.464 बिलियन डॉलर) में यह गिरावट आई है. बयान में कहा गया है कि अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल आयात (5.43 बिलियन डॉलर) में 1.86 बिलियन डॉलर के आयात के साथ मानव निर्मित वस्त्र श्रेणी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (34%) है, क्योंकि इस क्षेत्र में मांग-आपूर्ति का अंतर है.

दूसरी ओर, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत के वस्त्र और परिधान उत्पादों का आयात लगभग 15% घटकर 8.946 बिलियन डॉलर रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 10.481 बिलियन डॉलर था. बयान में कहा गया है कि आयात में वृद्धि मुख्य रूप से सूती वस्त्रों में देखी गई है, जिसका मुख्य कारण लंबे रेशे वाले सूती रेशे का आयात है. भारत 2023 के आधार पर दुनिया में वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है.

भारत के कुल निर्यात में हस्तशिल्प सहित वस्त्र और परिधान (टीएंडए) की हिस्सेदारी 2023-24 में 8.21 प्रतिशत है. देश का वस्त्र और परिधान के वैश्विक व्यापार में 3.9 प्रतिशत हिस्सा है.

–आईएएनएस


इसे भी पढ़ें- दिसंबर 2024 में गिरकर 56.4 पर पहुंचा विनिर्माण पीएमआई; रोजगार सृजन में आई तेजी


Latest News

‘आप-दा नहीं सहेंगे, बदल के रहेंगे’, परिवर्तन रैली में बोले PM मोदी- ‘अब विकास की धारा चाहती है दिल्ली…’

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रोहिणी स्थित जापानी पार्क में परिवर्तन...

More Articles Like This