वैश्विक चुनौतियों और अवसरों के जवाब में भारत का व्यापार परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है. 2024 की पहली छमाही (H1) में, कुल व्यापार 576 बिलियन डॉलर था, जो कि साल-दर-साल 5.45% की वृद्धि को दर्शाता है. बुधवार को जारी नीति आयोग ट्रेड वॉच रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का व्यापार 2024 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 5.45% बढ़कर 576 अरब डॉलर हो गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, व्यापारिक आयात में लगातार वृद्धि देखी गई, वित्त वर्ष 2025 (चालू वित्त वर्ष) की पहली तिमाही में निर्यात 5.95% बढ़कर 110 अरब डॉलर हो गया और आयात 8.40% बढ़कर 173 अरब डॉलर हो गया, जिससे व्यापार असंतुलन बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारतीय लोहा और इस्पात निर्यात में भारी गिरावट (33%) देखी गई,
जिसका मुख्य कारण कमजोर घरेलू मांग और वैश्विक बाजारों में चीन के कारण इस्पात की अधिक आपूर्ति है. वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारत के निर्यात में उत्तरी अमेरिका का योगदान 21% था, उसके बाद यूरोपीय संघ का योगदान 18.61% था. आयात मुख्य रूप से पूर्वोत्तर एशिया, पश्चिम एशिया (GCC) और आसियान से हुआ, जो कुल आयात का 51% था.
निर्यात में 12% की वृद्धि
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान ATA साझेदारों देशों को निर्यात में 12% की वृद्धि हुई है, जबकि इन साझेदारों से आयात में 10.29% की वृद्धि हुई है. नीति आयोग के सीईओ, बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि प्रत्येक तिमाही में भारत की व्यापार स्थिति का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करके, यह प्रकाशन साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण का समर्थन करेगा. सुब्रह्मण्यम ने कहा, “यह पहल भारत की व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के साथ जुड़ी हुई है, जिसका उद्देश्य विकसित भारत (भारत@2047) के लिए भारत की व्यापार क्षमता का लाभ उठाना और तेजी से बदलते वैश्विक व्यापार वातावरण में सतत विकास सुनिश्चित करना है.”
–आईएएनएस