ईशा अंबानी ने अमेरिकी कंपनी से मिलाया हाथ, वुडलैंड को टक्कर देने भारत लौटा Timberland

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Timberland in India: रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRVL) भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है, जिसे मुकेश अंबानी की लाडली ईशा अंबानी संभालती हैं. अब ईशा अंबानी के हाथ बड़ी डील लगी है. ईशा अंबानी के रिलायंस रिटेल की मदद से दिग्‍गज अमेरिकी फुटवियर ब्रांड टिम्‍बरलैंड ने भारत में वापसी कर ली है. इस डील से लेदर के शूट बनाने वाली कंपनी वुडलैंड को भारत में अब जबरदस्‍त टक्‍कर मिलने की उम्‍मीद है. साथ ही भारत में लेदर शूज के शौकीन लोगों के पास वुडलैंड के अलावा और भी बड़े ब्रांड के ऑप्‍शन मिल जाएगें. भारत में टिम्बरलैंड के प्रोडक्ट ऑनलाइन फैशन प्लेटफॉर्म अजिओओ (AJIO) पर मिलेंगे.

जानें क्‍यों बंद हुआ था यह स्‍टोर

बता दें कि इससे पहले, टिम्बरलैंड को लोकल मार्केट में कड़ी प्रतिस्पर्धा और इसी प्रकार के स्थानीय ब्रांड वुडलैंड के साथ कानूनी विवाद के वजह से 2015 में भारत में अपने खुदरा स्टोर बंद करने पड़े थे. अमेरिका स्थित वीएफ कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी Timberland और वुडलैंड बौद्धिक संपदा को लेकर कानूनी विवाद में फंसे थे. इसका वजह से दोनों के प्रतीक चिन्ह और उत्पादों का समान होना था.

कब से भारत में है वूडलैंड

वुडलैंड की पैरेंट कंपनी, एयरो ग्रुप, 50 के दशक से ही इंडस्ट्री में धाक जमाए हुए है. कनाडा में स्थापना के बाद वुडलैंड 1992 में भारत में आई थी. उससे पहले, एयरो ग्रुप अपने चमड़े के जूतों रूस को एक्‍सपोर्ट करता था.

रिलायंस का प्लान

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बताया कि आजियो, एच एंड एम, टिम्बरलैंड जैसे कुछ नए ब्रांड पेश करने के जरिए अपने पोर्टफोलियो को मजबूत कर रहा है. रिलायंस रिटेल की सहायक कंपनी रिलायंस ब्रांड्स ने 2009 में टिम्बरलैंड के साथ वितरण और लाइसेंसिंग समझौता किया था. पिछले महीने, रिलायंस रिटेल ने स्वीडन की फैशन कंपनी एचएंडएम के उत्पादों को अपने प्‍लेटफॉर्म पर लाने का ऐलान किया था.

RRVL का हिसाब-किताब

बता दें कि सोमवार को रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने अपने तिमाही नतीजे जारी किये हैं. कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में अपने कंपनी का नेट प्रॉफिट 1.3 प्रतिशत बढ़कर 2,836 करोड़ रुपए देखने को मिला. जो कि एक साल पहले की अवधि में 2,800 करोड़ रुपए था. कंपनी का रेवेन्यू 66,502 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी तिमाही में कंपनी द्वारा पोस्ट किए गए 68,937 करोड़ रुपये से 3.5 प्रतिशत कम है.

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