इसरो ने दूसरी बार स्पैडेक्स उपग्रहों की डॉकिंग में प्राप्त की सफलता

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने सोमवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) ने अपने स्पैडेक्स मिशन के तहत उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक की है. उन्होंने बताया कि अगले दो सप्ताह में और अधिक प्रयोग किये जाने की योजना है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है.”
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि पीएसएलवी-सी60/स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (एसपीएडीईएक्स) मिशन 30 दिसंबर, 2024 को लॉन्च किया गया था. उन्‍होंने कहा कि इसके बाद 16 जनवरी को पहली बार उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक किया गया तथा 13 मार्च को उन्हें अनडॉक किया गया. उन्‍होंने कहा, “अगले दो सप्ताह में और प्रयोग करने की योजना है.” बाद में, एक बयान में इसरो ने कहा कि स्पैडेक्स उपग्रहों (एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02) का डॉकिंग प्रयोग दूसरी बार 20 अप्रैल को रात 08.20 बजे सफलतापूर्वक किया गया.
इसमें कहा गया है, “इसके बाद, एसडीएक्स-02 से एसडीएक्स-01 उपग्रह तथा इसके विपरीत भी विद्युत हस्तांतरण का अभ्यास किया गया, जो 21 अप्रैल को पूरा हो गया। इस प्रयोग में एक उपग्रह में हीटर तत्व को दूसरे उपग्रह से प्राप्त विद्युत के माध्यम से संचालित करना शामिल था.” अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि विद्युत हस्तांतरण की अवधि लगभग चार मिनट थी और उपग्रहों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप था.
बयान में कहा गया है, “दूसरे प्रयास में, 15 मीटर की अंतर-उपग्रह दूरी से डॉकिंग तक पूर्ण स्वायत्तता के साथ डॉकिंग पूरी की गई. पहले डॉकिंग प्रयास में, 3 मीटर की अंतर-उपग्रह दूरी पर एक अतिरिक्त होल्ड पॉइंट का मैन्युअल रूप से प्रयोग किया गया था.” इसमें कहा गया है कि दूसरे डॉकिंग प्रयोग से पहले विस्तृत ग्राउंड सिमुलेशन और ऑन-ऑर्बिट परीक्षण किए गए, जिनमें पहले डॉकिंग और अनडॉकिंग प्रयोगों से प्राप्त अनुभव को शामिल किया गया, जिससे दूसरे डॉकिंग प्रदर्शन के लिए अत्यधिक आत्मविश्वास पैदा हुआ.
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “पावर ट्रांसफर के साथ-साथ पूर्ण स्वायत्त द्वितीय डॉकिंग का प्रदर्शन, स्पैडेक्स मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.” इसरो के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन, पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित दो छोटे अंतरिक्ष यानों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है. अंतरिक्ष में, डॉकिंग तब आवश्यक हो जाती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च करने की आवश्यकता होती है. यह प्रयोग इसरो के भावी मिशनों, जैसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री के उतरने के लिए महत्वपूर्ण है.

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