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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि मोदी सरकार ने अपनी प्रमुख योजना, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत सस्ती जेनेरिक दवाइयां बेचने के लिए पिछले साल हर दो घंटे में एक फार्मेसी स्टोर खोला था. पीएमबीजेपी के तहत दो-पांचवें स्टोर– वह योजना जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव अभियानों के दौरान बड़े पैमाने पर प्रचारित किया था.
महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं. इस योजना को लागू करने के लिए जिम्मेदार सरकारी निकाय, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि दाधीच ने एक न्यूज चैनल को दिए गए विशेष साक्षात्कार में बताया: “पूरे भारत में 15,057 आउटलेट हैं, जिनमें से 6,000 स्टोर (40 प्रतिशत) महिलाओं द्वारा चलाए जाते हैं. यह दर्शाता है कि यह योजना न केवल दवाओं को सुलभ और सस्ती बना रही है, बल्कि महिलाओं को वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में भी मदद कर रही है.
7 मार्च को मनाए जाने वाले जन औषधि दिवस पर दाधीच ने कहा, “पिछले साल हमने 4,500 केंद्र खोले हैं, यानी हर दो घंटे में एक जन औषधि केंद्र खोला गया.” उन्होंने आगे कहा, “हम अच्छी गुणवत्ता वाली, सस्ती दवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए जन औषधि नेटवर्क का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसका लक्ष्य 31 मार्च 2027 तक 25,000 केंद्र खोलना है.” इस योजना के तहत सबसे अधिक बिक्री वाला स्टोर झारखंड के रांची में स्थित है, जिसने पिछले साल की तुलना में 4 करोड़ रुपये की वार्षिक बिक्री दर्ज की है.
पिछले साल की तुलना में इस साल बिक्री में 2.48 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला स्टोर जम्मू में है, जिसकी बिक्री 3.10 करोड़ रुपये है, उसके बाद देहरादून (उत्तराखंड) 3.10 करोड़ रुपये, चंडीगढ़ 2.97 करोड़ रुपये और पटना (बिहार) 2.80 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है.
गोदाम बिक्री के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 284 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री के साथ उत्तर प्रदेश राज्यवार शीर्ष पर रहा, उसके बाद केरल (235 करोड़ रुपये), कर्नाटक (198 करोड़ रुपये), छत्तीसगढ़ (170 करोड़ रुपये) और तमिलनाडु (160 करोड़ रुपये) का स्थान रहा. अपने लक्ष्यों को पार कर चुकी इस योजना से इस वित्तीय वर्ष में 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है. 2022 के वित्तीय वर्ष में इसने 890 करोड़ रुपये का कारोबार किया. दाधीच ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में राजस्व लगभग दोगुना हो गया है.”