आने वाले वर्षों में इंडियन IT सेक्टर में उभरती तकनीकों के चलते नौकरी के नए अवसरों में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. मानव संसाधन प्लेटफॉर्म FirstMeridian Business Services ने यह जानकारी दी. 2024 में, भारतीय आईटी और तकनीकी क्षेत्र में 17% की वृद्धि दर्ज की गई थी, जो डिजिटल परिवर्तन और उभरती तकनीकी भूमिकाओं की बढ़ती मांग से प्रेरित थी. FirstMeridian Business Services के CEO (IT Staffing) सुनील नेहरा ने कहा, “2024 के दूसरे छमाही में आईटी सेक्टर ने गति पकड़ी, और 2025 में एप्लिकेशन डेवलपर्स, सॉफ़्टवेयर इंजीनियर, देवऑप्स इंजीनियर, एआई, एमएल, और साइबर सुरक्षा जैसी नई भूमिकाओं की मांग में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है.”
AI और जेन-एआई क्षेत्र का बढ़ता प्रभाव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जो 2024 में प्रमुख ट्रेंड था, 2025 में और भी तेज़ी से बढ़ने की संभावना है. सुनील नेहरा ने बताया, जेन-एआई उद्योग अकेले 2028 तक 1 मिलियन नई नौकरियों का सृजन कर सकता है, जो देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान करेगा. जेन-एआई इंजीनियर, एल्गोरिदम इंजीनियर, और AI सुरक्षा विशेषज्ञ जैसी पदों के लिए वेतन में 25-30% की वृद्धि होने का अनुमान है, जो मध्य-स्तरीय कर्मचारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है.
गिग इकोनॉमी और नौकरी की नई धाराएँ
भारतीय आईटी गिग इकोनॉमी का विस्तार होने के साथ 2030 तक 24 मिलियन लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. यह वृद्धि न केवल तकनीकी क्षेत्रों में, बल्कि बैंक्स, वित्तीय सेवा और टेलिकॉम जैसे गैर-तकनीकी क्षेत्रों में भी होगी. नेहरा ने कहा कि कंपनियाँ 2025 में अपनी अपस्किलिंग बजट को 15-20% बढ़ाने की योजना बना रही हैं, ताकि वे एक मजबूत वर्कफोर्स तैयार कर सकें. इसके अलावा, व्यक्तिगत प्रयासों से अपस्किलिंग की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है, जिससे उभरती तकनीकी भूमिकाओं के लिए तैयारी हो रही है.
IT सेक्टर की चुनौतियाँ, भविष्य की रणनीतियाँ
हालाँकि IT सेक्टर में स्थिरता आई है, फिर भी AI और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रतिभा की कमी और वैश्विक आर्थिक अस्थिरताओं जैसे चुनौतियाँ बनी हुई हैं. सुनील नेहरा ने कहा कि “डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी पहलों का लाभ मिलेगा, लेकिन आगे की तकनीकी परिवर्तन के दौर में अपस्किलिंग को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है.”
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