Kia India CKD Exports: किआ इंडिया ने 1 लाख CKD यूनिट्स का किया निर्यात

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kia India CKD Exports: किआ इंडिया ने सोमवार, 25 नवंबर को वर्ष 2030 तक पूरी तरह से तैयार (सीकेडी) वाहन इकाइयों के अपने निर्यात को दोगुना करने की योजना की घोषणा की. जिसमें मध्य पूर्वी और अफ्रीकी बाजारों में विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. हुंडई मोटर कंपनी की सहायक कंपनी के अनुसार, यह पहल वैश्विक ऑटोमोटिव आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किआ की दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप है.

कंपनी ने 3 लाख 67 हजार वाहनों का निर्यात

कंपनी ने खुलासा किया कि उसने आंध्र प्रदेश में अनंतपुर विनिर्माण सुविधा से जून 2020 में शिपमेंट शुरू होने के बाद से 1,00,000 वाहन इकाइयों के निर्यात के मील के पत्थर को पार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, इस समय किआ इंडिया (किआ कॉरपोरेशन) के वैश्विक निर्यात का 50 प्रतिशत हिस्सा है, जो इसके भारतीय परिचालन की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है. कुल मिलाकर, कंपनी ने 3,67,000 वाहनों का निर्यात किया है, जिसमें सेल्टोस, सोनेट और कैरेंस जैसे पॉपुलर मॉडल शामिल हैं.

वर्ष 2024 में किआ इंडिया का लक्ष्य उज्बेकिस्तान, इक्वाडोर और वियतनाम सहित प्रमुख बाजारों में 38,000 से ज्‍यादा इकाइयों का निर्यात करना है. किआ का अनंतपुर संयंत्र उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी से सुसज्जित है, जो प्रमुख बंदरगाहों के निकट रणनीतिक रूप से स्थित है, जिससे निर्यात के लिए कुशल रसद सक्षम होती है. किआ इंडिया (kia india) की विकास रणनीति में मध्य पूर्व और अफ्रीका में विस्तार करना केंद्रीय है. क्योंकि, इन क्षेत्रों में किफायती और विश्वसनीय वाहनों की मांग बढ़ रही है.

मध्य पूर्व और अफ्रीका में अपने सी.के.डी. का विस्तार करना है हमारा लक्ष्य

किआ इंडिया के मुख्य बिक्री अधिकारी जूनसू चो ने कहा, “हमारा लक्ष्य मध्य पूर्व और अफ्रीका में अपने सी.के.डी. का विस्तार करना है, ताकि 2030 तक हमारे निर्यात की मात्रा को दोगुना किया जा सके.” जूनसू चो ने भारत सरकार की निर्यात-अनुकूल नीतियों की भी प्रशंसा की. इस वृद्धि का समर्थन करने और वैश्विक ऑटोमोटिव मूल्य श्रृंखला में भारत की स्थिति को बढ़ाने में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए किआ इंडिया ने कहा, सी.के.डी. निर्यात पर उसका ध्यान घरेलू मांग को पूरा करने के प्रयासों को पूरा करता है, जबकि वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करता है.

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