Kinetic Group ने पुणे में स्थापित किया बैटरी उत्पादन संयंत्र, बनाएगी नया 60,000 यूनिट बैटरियां

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
ऑटोमोटिव कम्पोनेंट बनाने वाली कंपनी काइनेटिक ग्रुप ने इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) बैटरी क्षेत्र में कदम रखा है. कंपनी ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में 50 करोड़ रुपये के निवेश से एक नया बैटरी उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है. पुणे स्थित इस संयंत्र का उद्देश्य दो और तीन पहिया ईवी के लिए 60,000 यूनिट्स बैटरियां बनाना है. काइनेटिक ग्रुप ने अपनी घोषणा में बताया कि इस संयंत्र में लिथियम आयरन फॉस्फेट और निकेल मैंगनीज कोबाल्ट बैटरियां दोनों प्रकार की निर्मित की जाएंगी.
इसके अतिरिक्त, कंपनी अपने बैटरियों की आपूर्ति ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स को अपनी खपत के अलावा भी करने की योजना बना रही है. संयंत्र विशेष रूप से तीन पहियों के वाहनों के लिए प्रिजमैटिक सेल्स विकसित करेगा. काइनेटिक ग्रुप के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अजींकेया फिरोधिया ने कहा, “Range-X बैटरियां बैटरी तकनीकी में अग्रणी काम का परिणाम हैं और यह भारत की गतिशीलता परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.” फिरोधिया ने यह भी कहा कि अहमदनगर संयंत्र स्वावलंबन, सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक है. स्वचालन और स्मार्ट तकनीकी के समावेश से यह संयंत्र विश्वसनीय, कुशल और स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान करने का लक्ष्य रखता है.

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की संभावनाएं

भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 28.52% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने का अनुमान है और यह 2029 तक 18.319 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. ऐसे में इस संयंत्र के लिए बाजार में अपार संभावनाएं हैं, खासकर दो पहिया वाहनों के लिए बैटरियां आपूर्ति करते हुए. काइनेटिक ग्रुप का कहना है कि उनकी Range-X बैटरियां नवीनतम LFP तकनीक का उपयोग करती हैं, जिनमें स्थिर रासायनिक संरचना होती है, जिससे थर्मल रनवे का जोखिम काफी हद तक कम होता है. काइनेटिक ग्रुप NMC बैटरियां भी तैयार करेगा, जो उन्नत ऊर्जा घनत्व तकनीक का उपयोग करती हैं. इन बैटरियों में लंबी उम्र और विभिन्न प्रकार के उपयोगों के लिए उपयुक्त पावर प्रदान करने की क्षमता है. साथ ही, कंपनी BMS (बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम) के स्थानीयकरण पर भी काम कर रही है, जो प्रधानमंत्री ई-ड्राइव पहल के तहत Make in India कार्यक्रम के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजनाओं से जुड़ा हुआ है.

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