भारत में रोजगार की स्थिति ने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों को पछाड़ते हुए जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के लिए 25 प्रतिशत के ग्लोबल एवरेज से 15 प्रतिशत अंक अधिक की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है. यह जानकारी ManpowerGroup की ओर से हाल ही में जारी किए गए रोजगार आउटलुक सर्वे से सामने आई है, जिसमें 3,150 भारतीय नियोक्ताओं से जानकारी ली गई थी.
सर्वे के मुताबिक, देश में रोजगार की स्थिति में साल-दर-साल सुधार हुआ है, जिसमें पश्चिमी भारत (43%) सबसे आगे है, जो पिछले तिमाही से 4 प्रतिशत अंक ऊपर है. इसके बाद पूर्वी भारत (41%) है, जहां 11% अंक की वृद्धि हुई है. हालांकि, उत्तर भारत (39%) में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि दक्षिणी भारत (38%) में 3% अंक की वृद्धि हुई.
क्षेत्रीय वृद्धि और IT सेक्टर की ताकत
आईटी सेक्टर को फिर से सबसे मजबूत क्षेत्र के रूप में देखा गया है, जिसका नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक 50 प्रतिशत है. इसके बाद वित्तीय क्षेत्र और रियल एस्टेट (44 प्रतिशत) का स्थान है. उपभोक्ता वस्त्र एवं सेवाएं (40 प्रतिशत), ऊर्जा एवं उपयोगिता (38%) और स्वास्थ्य व जीवन विज्ञान (38%) जैसे अन्य क्षेत्र भी रोजगार वृद्धि के लिहाज से शीर्ष पर हैं.
सर्वे के अनुसार, उद्योगों में लिंग समानता को लेकर प्रयास बढ़े हैं. करीब 66 प्रतिशत संगठनों ने वेतन समानता पहलों में प्रगति रिपोर्ट की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8 प्रतिशत अंक अधिक है. आईटी क्षेत्र (78%) इस मामले में सबसे आगे है, इसके बाद वित्तीय क्षेत्र (69%), उपभोक्ता वस्त्र एवं सेवाएं (67%) और स्वास्थ्य व जीवन विज्ञान (66%) का स्थान है.
भारत में रोजगार वृद्धि के पीछे मुख्य कारण IT क्षेत्र में भारी निवेश और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भारत में ऑपरेशन लागत कम करने की योजना है. देश के आर्थिक दृष्टिकोण पर विश्वास की वजह से भारत ने वैश्विक स्तर पर रोजगार आउटलुक में अपनी स्थिति को मजबूत किया है.