धीमी पड़ी भारत के मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्टर की रफ्तार, इस वजह से रूकी वृद्धि

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

May Manufacturing PMI: भारत की मैन्‍युफैक्‍चरिंग ग्रोथ रेट मई में लगातार दूसरे महीने धीमी रही है. आज HSBC INDIA MAY PMI DATA (MoM) जारी किया गया, जिसमें पता चला है कि भारत की फैक्‍ट्री ग्रोथ रेट अप्रैल माह के 58.8 के तुलना में घटकर 57.5 पर आ गई है. लेकिन वैश्विक बिक्री यानी निर्यात में 13 वर्षों में सर्वाधिक वृद्धि के साथ यह सेक्टर विस्तार की स्थिति में हैं. मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में धीमी रफ्तार इसलिए है क्‍योंकि भीषण गर्मी के कारण कुछ कंपनियों ने काम के समय में कमी कर दिए है. एसएंडपी ग्लोबल ने एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई को करीब 400 कंपनियों के एक ग्रुप में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के बेस पर तैयार किया है.

50 से ऊपर का आंकड़ा दिखाता है विस्तार

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब प्रोडक्‍शन गतिविधियां बढ़ती हैं.  जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को प्रदर्शित करता है. एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बीते महीने (मई) में विस्तार के दायरे में रहा, हालांकि इसकी गति धीमी रही, जिसका कारण नए ठेकों और उत्पादन में मंदी देखी गई.

इस कारण से धीमी है रफ्तार

सर्वे के मुताबिक, प्रतिस्पर्धा और चुनाव संबंधी व्यवधानों के वजह से वृद्धि रुकी हुई है. कुल बिक्री के रुझान के विपरीत मई में नए निर्यात ठेकों में तीव्र गति से वृद्धि देखी गई है. इंटरनेशनल बिक्री में यह उछाल 13 वर्षों में सबसे ज्‍यादा रहा, क्योंकि मैन्युफैक्चरर्स को अमेरिका, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया के कई देशों में ग्राहकों से लाभ मिला है. इसके साथ ही मार्च 2005 में डेटा कलेक्शन शुरू होने के बाद से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार में सबसे अधिक ग्रोथ हुआ.

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