माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने बुधवार को भारत के लिए एआई (AI) में अग्रणी रिसर्च करने का पक्ष लिया और देश के मजबूत गणितीय प्रतिभा आधारपर जोर दिया. सत्या नडेला ने एआई के कारण नौकरी जाने की चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा, ऐसी आशंकाएं अतिरंजित हैं, क्योंकि यह तकनीक नए अवसर पैदा करेगी. नडेला के साथ एक फायरसाइड चैट में शामिल हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने नकली सामग्री सहित AI के जोखिमों के बारे में आगाह किया.
लेकिन, नवाचार और विनियमन को संतुलित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘अगर चुनौतियां बड़ी हो जाती हैं, तो सरकार नए कानून लाने में संकोच नहीं करेगी.’ माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक भी इस चर्चा का हिस्सा थे. भारत में चल रही इस बहस के बारे में पूछे जाने पर कि क्या देश को अग्रणी एआई शोध में निवेश करना चाहिए या नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए इसे वैश्विक तकनीकी दिग्गजों पर छोड़ देना चाहिए, इस पर नडेला ने देश की गणितीय प्रतिभा और शैक्षणिक कौशल की प्रशंसा की.
हैदराबाद में जन्मे नडेला ने कहा, ‘ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत अग्रणी काम न कर सके. उदाहरण के लिए मुझे नहीं लगता है कि एआई के क्षेत्र में आखिरी ज्ञात बड़ी सफलता मिली है. जैसा कि मैं हमेशा कहता हूं, हम बस एक गणितीय सफलता दूर हैं और हम कुछ और करने जा रहे हैं. भारत में अगली बड़ी चीज करने के लिए गणितीय प्रतिभा, शैक्षणिक संस्थान और शोध संस्थान हैं.’ नडेला ने कई लोगों के मन में उठ रहे एक अहम सवाल का जवाब दिया, क्या AI नौकरियां छीन लेगा, ‘इस पर उन्होंने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा, साल 2000 में 40 लाख कॉल सेंटर कर्मचारी थे; अब 1 करोड़ 70 लाख हैं. यह चार गुना हो गया है.’
इस दौरान इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या भारत को स्वदेशी डेटासेट का उपयोग करके अपना स्वयं का AI आधारभूत मॉडल बनाना चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह के सवाल के जवाब में नडेला ने माना कि इसमें भारी लागत आएगी, लेकिन उन्होंने दक्षता के माध्यम से आगे बढ़ने का रास्ता भी सुझाया. उन्होंने कहा, ‘मुख्य बाधा पूंजी निवेश है और आप अरबों डॉलर खर्च कर सकते हैं. दूसरा तरीका यह देखना है कि क्या आप कम्प्यूट-कुशल हो सकते हैं. इसलिए अगर पिछले साल आपका रन रेट 10 अरब डॉलर था, तो हम अब शोध के साथ इसे 1 अरब डॉलर पर ले जाएंगे. आपने खेल को बदल दिया होगा.’
हालांकि, केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने एक चेतावनी भी दी. उन्होंने दर्शकों को AI के काले पक्ष की याद दिलाई और लोकसभा चुनाव के दौरान वायरल हुए गृह मंत्री के फर्जी वीडियो का उदाहरण दिया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘फिलहाल हम नवाचार के पक्षधर हैं और हमारे पास जो मौजूदा कानून और दिशा-निर्देश हैं, वे स्व-नियमन के बारे में अधिक हैं, जहां माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भरोसे के आधार पर आती हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि अगर चुनौतियां बड़ी हो जाती हैं, तो सरकार नए कानून लाने में संकोच नहीं करेगी.’
जवाब में नडेला ने जिम्मेदार AI विकास के लिए माइक्रोसॉफ्ट की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, हमने यह सुनिश्चित करने के लिए खुद जिम्मेदारी ली है कि अनपेक्षित परिणाम AI के लाभों से अधिक न हों, और यही कारण है कि हम क्षमता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और सुरक्षा, सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी प्रदान कर रहे हैं. विश्वास का दावा नहीं किया जा सकता, इसे अर्जित करना होगा.
व्यवसाय के मोर्चे पर माइक्रोसॉफ्ट ने अपोलो हॉस्पिटल्स, बजाज फिनसर्व, महिंद्रा ग्रुप, अपग्रेड और रेलटेल सहित भारतीय कंपनियों के साथ AI साझेदारी की एक श्रृंखला की घोषणा की. टेक दिग्गज ने अगले दो वर्षों में भारत में अपने एज़्योर क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में 3 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना का भी खुलासा किया. इसके अलावा Meity के सहयोग से Microsoft ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 2026 तक 5,00,000 छात्रों और शिक्षकों को AI में प्रशिक्षित करेगा.