Mobile से लेनदेन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2024 की दूसरी छमाही में करीब ₹200 लाख करोड़ के ट्रांजैक्शन

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत में मोबाइल फोन अब सिर्फ बातचीत या सोशल मीडिया के लिए नहीं, बल्कि सबसे बड़े खर्च करने का जरिया बन चुके हैं. साल 2024 की दूसरी छमाही में मोबाइल के जरिए हुए लेनदेन की कुल वैल्यू लगभग ₹198 लाख करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले साल की तुलना में 30% ज़्यादा है. ये आंकड़ा बताता है कि मोबाइल पेमेंट्स अब कार्ड्स (डेबिट और क्रेडिट दोनों) से 14.5 गुना ज़्यादा इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इस तेज़ी का सबसे बड़ा कारण है UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस. इसके ज़रिए हुए ट्रांजैक्शनों की वैल्यू 31% बढ़कर करीब ₹130 लाख करोड़ तक पहुंच गई. वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 तक देशभर में 63.34 करोड़ UPI QR कोड सक्रिय थे, जिनसे लोग मोबाइल के जरिए पेमेंट कर रहे थे.
Worldline इंडिया के सीईओ रमेश नरसिम्हन ने कहा, “मोबाइल पेमेंट्स अब भारत की फाइनेंशियल व्यवस्था का अहम हिस्सा बन चुके हैं. लेनदेन की संख्या 41% बढ़कर 88.54 अरब (8854 करोड़) तक पहुंच गई है. अकेले UPI की बात करें तो उसमें 42% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, और कुल ट्रांजैक्शन 93.23 अरब (9323 करोड़) रहे.” हर दिन के छोटे-छोटे खर्चों में भी अब लोग सबसे ज़्यादा UPI का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. 2024 की दूसरी छमाही में P2M (पर्सन टू मर्चेंट) ट्रांजैक्शन में 50% की ग्रोथ हुई. वहीं, सभी UPI ट्रांजैक्शन का औसत अमाउंट (ATS) ₹1396 से घटकर ₹1515 हो गया, यानी करीब 8% की गिरावट. P2M लेनदेन का ATS भी ₹657 से घटकर ₹626 हो गया. इसका मतलब है कि UPI का इस्तेमाल छोटे लेनदेन के लिए ज़्यादा हो रहा है. Worldline का मानना है कि ATS में यह गिरावट दिखाती है कि UPI अब भारत में सूक्ष्म लेनदेन (₹100 या उससे कम) के लिए भी पहला विकल्प बन चुका है.
UPI के ज़रिए हुए P2M ट्रांजैक्शन की वैल्यू 43% बढ़कर ₹36.35 लाख करोड़ हो गई. वहीं, P2P (पर्सन टू पर्सन) ट्रांजैक्शन की वैल्यू 26% बढ़कर ₹93.84 लाख करोड़ तक पहुंच गई. P2M ट्रांजैक्शन की संख्या 50% बढ़कर 5803 करोड़ रही, जबकि P2P ट्रांजैक्शन 30% बढ़कर 3521 करोड़ हो गए. दिसंबर 2024 तक UPI लेनदेन की दुनिया में तीन ऐप्स का दबदबा रहा – PhonePe, Google Pay और Paytm. इन तीनों ने कुल लेनदेन का 93% वॉल्यूम और 92% वैल्यू पर कब्जा किया. 2024 की दूसरी छमाही में कार्ड से कुल 410 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 11% ज़्यादा थे. लेकिन डेबिट कार्ड से लेनदेन में 29% की गिरावट आई और यह आंकड़ा सिर्फ 82 करोड़ रहा. इसके उलट, क्रेडिट कार्ड से हुए ट्रांजैक्शन 36% बढ़कर 242 करोड़ तक पहुंच गए.
कार्ड से कुल लेनदेन की वैल्यू ₹13.64 लाख करोड़ रही. इसमें सबसे बड़ा योगदान क्रेडिट कार्ड्स का रहा, जिनसे हुए ट्रांजैक्शन की वैल्यू 14% बढ़कर ₹10.76 लाख करोड़ हो गई. डेबिट कार्ड्स से हुए ट्रांजैक्शन की वैल्यू में 16% की गिरावट आई और यह ₹2.55 लाख करोड़ रही. Worldline की ‘India Digital Payments Report’ के अनुसार, डिजिटल पेमेंट्स में यह तेज़ी भारत के आर्थिक ढांचे को और मजबूत करेगी. साथ ही, देश के हर वर्ग में फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी.

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