Money Laundering Case: जेट एयरवेज लिमिटेड से जूड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने बुधवार को इसके बारे में जानकारी दी. ईडी ने बताया कि कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में जांच के तहत जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनी की 538 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं. इन संपत्तियों में 17 फ्लैट, बंगले और वाणिज्यिक परिसर शामिल हैं.
देश से लेकर विदेश तक की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि भारत, लंदन और दुबई के विभिन्न शहरों में स्थित ये संपत्तियां जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड और जेट एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी विभिन्न कंपनियों, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और बेटे निवान के नाम पर रजिस्टर्ड हैं.
जांच एजेंसी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेट एयरवेज (India) लिमिटेड (JIL) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत 538.05 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त की है.
एक सिंतबर को हुई थी गिरफ्तारी
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को एक सितंबर को गिरफ्तार किया था और 31 अक्टूबर को मुंबई में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) कोर्ट के सामने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. केनरा बैंक से 535 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एक सितंबर को लंबी पूछताछ के बाद नरेश गोयल को अरेस्ट किया गया था. इसके बाद गोयल को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया था.
केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि JIL ने कमीशन खर्च में से संबंधित कंपनियों को 1,410.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जिसमें पैसों की हेराफेरी की गई. प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आरोप पत्र में नरेश गोयल पर बैंक के पैसों को बाहर भेजने का आरोप लगाया.
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