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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत की डेटा सेंटर (DC) इंडस्ट्री ने 2014 से 2024 के बीच प्राइवेट इक्विटी, जॉइंट वेंचर और अधिग्रहणों के जरिए 6.5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है. यह जानकारी सोमवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई है. एनारोक कैपिटल द्वारा ‘इंडिया डेटा सेंटर मार्केट: ग्रोथ, ट्रेंड्स एंड आउटलुक’ के मुताबिक, भारत की डेटा सेंटर इंडस्ट्री ने 2019 से 2024 के बीच तेजी से विकास किया है. इंडस्ट्री की क्षमता 2019 में 590 मेगावाट से बढ़कर 2024 में 1.4 गीगावाट हो गई है, जो कि 139% की क्षमता वृद्धि दर्शाती है.
यह उछाल इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के कारण देखा जा रहा है, जो 2019 में 33.4% से बढ़कर 2024 में 55.2% हो गई है. प्रति यूजर्स डेटा खपत प्रति माह 11.5 जीबी से बढ़कर 21.1 जीबी हो गई है और प्रति स्मार्टफोन औसत ट्रैफिक में भी उछाल आया है, जो 13 जीबी से बढ़कर 32 जीबी हो गया है. एनारोक कैपिटल के औद्योगिक, लॉजिस्टिक्स और डेटा केंद्र-कार्यकारी निदेशक देवी शंकर ने कहा, “भारत अब प्रति स्मार्टफोन औसत मोबाइल डेटा ट्रैफिक में वैश्विक स्तर पर सबसे आगे है. केवल इस तथ्य के साथ देश में हाई-ग्रेड डेटा सेंटर की मांग पर प्रभाव पड़ा है. भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल भागीदारी भविष्य की डीसी मांग का प्रत्यक्ष संकेतक है.”
मुंबई और चेन्नई डीसी बाजार पर हावी हैं, जो भारत की कुल आईटी पावर क्षमता का 70% हिस्सा है, जिसमें अकेले मुंबई का योगदान लगभग आधा यानी 49% है. इन शहरों में 2022 से 2024 तक मुंबई में 92% और चेन्नई में 340% के साथ रिकॉर्ड तोड़ आपूर्ति वृद्धि भी देखी गई.इन क्षेत्रों ने कुल मिलाकर 76% के ऑक्यूपेंसी लेवल में योगदान दिया है, जो मजबूत मार्केट अब्सोर्प्शन और परिचालन दक्षता को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ‘ऑन-एंड ऑपरेट’ मॉडल को अपनाते हुए हाइपरस्केलर्स के लिए एक हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है.पिछले पांच वर्षों में, तीन प्रमुख शहरों – हैदराबाद, मुंबई और पुणे में हाइपरस्केलर्स के निर्माण के लिए लगभग 440 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
एनारोक कैपिटल के एमडी और सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा, “भारत के डीसी इंडस्ट्री का आकार वर्तमान में 10 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें वित्त वर्ष 2024 के लिए 1.2 बिलियन डॉलर का राजस्व है.” चार प्रमुख डीसी ऑपरेटरों द्वारा 78% राजस्व उत्पन्न किया जाता है. उन्होंने बताया कि ईबीआईटीडीए वृद्धि में 2020 के बाद स्थिरता आने के संकेत मिले हैं.डेटा खपत में तेजी से वृद्धि, पूंजी निवेश, हाइपरस्केलर गतिविधि और एआई और स्थिरता की ओर मजबूत कदम के साथ, भारत वैश्विक डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर लीडर की भूमिका निभाने को तैयार है.