मॉर्गन स्टेनली ने अपनी नवीनतम “इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजी एंड इकोनॉमिक्स: हाउ इंडिया हैज ट्रांसफॉर्म्ड इन लेस देन अ डिकेड ” रिपोर्ट में दावा किया है कि 2023 का भारत 2013 की तुलना में अलग है। मॉर्गन स्टेनली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान भारत में हुए बड़े बदलावों को गिनाया है। अपनी रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि 10 साल में भारत में जो बदलाव हुए हैं, उनका व्यापक असर पड़ा है। भारत अब वैसा नहीं रहा, जैसा कि 2013 में हुआ करता था। अब का भारत दुनिया में अच्छे पायदान पर पहुंचा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत सुधार से मैक्रो इकोनॉमिक्स और मार्केट पर व्यापक सकारात्मक असर पड़ा है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि वो उन विदेशी निवेशकों से सहमत नहीं, जो भारत के लिए नकारात्मक बातें कहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जीडीपी के प्रतिशत के तौर पर विनिर्माण और कैपेक्स में लगातार बढ़ोतरी होगी यानी ये क्षेत्र आगे बढ़ते रहेंगे।
भारतीय अर्थव्यवस्था के 10 बड़े बदलाव
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10 बड़े बदलावों को सामने लाती है। रिपोर्ट इस पर भी प्रकाश डालती है कि इन बदलावों का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा है, जिसने भारत की तस्वीर और तकदीर बदल दी। 2013 के बाद पिछले 10 वर्ष की छोटी अवधि में भारत ने मैक्रो मार्केट में पॉजिटीव रिजल्ट दिए हैं, जिसकी वजह से यह विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी जगह बना चुका है। रिपोर्ट में भारतीय सफलता की कहानी बताने के साथ ही प्रशंसा भी की गई है।
मोदी काल में ये हुए 10 बड़े बदलाव
1. सप्लाई साइड पॉलिसी रिफॉर्म्स
2. फॉर्मलाइजेशन ऑफ इकॉनमी
3. रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट
4. डिजिटलाइजिंग सोशल ट्रांसफर्स
5. इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्टी कोड
6. फ्लेक्सिबल इंफ्लेशन टारगेटिंग
7. एफडीआई पर फोकस8. इंडिया 401 (K) मोमेंट
9. कॉर्पोरेट प्रॉफिट को गवर्नमेंट सपोर्ट
10. हाई एमएनसी सेंटीमेंट
नीतिगत सुधारों के माध्यम से भारत ने खुद को बदला
रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में पिछले 10 वर्षों में भारत के विकास की मैपिंग की गई है। रिपोर्ट ने परिभाषित किया है कि कैसे भारत ने पिछले दशक में अपने कई नीतिगत सुधारों के माध्यम से खुद को बदल दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो भारत 2013 में था, आज का भारत उससे अलग है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मैक्रो मार्केट आउटलुक के लिए पॉजिटीव रिजल्ट दिए हैं। जिसकी वजह से भारत ने विश्व अर्थव्यवस्था में अपनी जगह बनाई है।
2014 के बाद से भारत ने कई नीतिगत बदलाव किए
रिपोर्ट पिछले 25 वर्षों में टॉप का प्रदर्शन करने वाले भारतीय शेयर बाजार का भी बचाव किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की इक्विटी वैल्यूएशन बहुत समृद्ध हैं और पिछले 10 वर्षों में भारत में हुए 10 महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि 2014 के बाद से भारत ने कई नीतिगत बदलाव किए हैं, जिसका पॉजिटीव रिस्पांस मिला है।
भारत के भविष्य को प्रोजेक्ट करती है यह रिपोर्ट
मॉर्गन स्टैनली की ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट भारत के भविष्य पॉजिटीव तरीके से प्रोजेक्ट करती है। विनिर्माण, निर्यात, खपत और मुद्रास्फीति की संख्या का दृढ़ रखरखाव कुछ ऐसे क्षेत्र जिनमें मॉर्गन स्टैनली का निष्कर्ष है कि भारत मजबूत सफलता प्राप्त कर सकता है।
भारत में चालू खाता घाटा भी कम होगा
रेटिंग एजेंसी के अनुसार चालू खाता घाटा भी भारत में कम होगा। इससे सीएडी ठीक होने के कारण बैलेंस शीट भी बेहतर होगी। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक भारत के जीडीपी में मुनाफे का हिस्सा 2020 के बाद अब निचले स्तर से दोगुना हो गया है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कंट्रोल करने के मोदी सरकार के फैसले की सराहना
रिपोर्ट के अनुसार मजबूत निरपेक्ष और सापेक्ष कमाई में भी भारत आगे है। इसके लिए सरकार के सुधार कार्यक्रम, निवेश में बढ़ोतरी और जीडीपी को समर्थन देने वाले क्रेडिट में बढ़ोतरी को गिनाया गया है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चालू खाते में विदेशी पोर्टफोलियो कम होने से शेयर बाजार में भी नकारात्मकता कम हुई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कंट्रोल करने के मोदी सरकार के फैसले को भी एजेंसी ने सराहा है।
भारत के निर्यात में हिस्सेदारी दोगुनी होगी
विनिर्माण और कैपेक्स में मॉर्गन स्टेनली ने 2031 तक 5 पीपीटी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक भारत के निर्यात में हिस्सेदारी दोगुनी होगी और ये 2031 तक बढ़कर 4.5 फीसदी होगा। ये 2021 के स्तर से लगभग दोगुना है। वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात से भारत फायदे में रहेगा। विवेकाधीन खपत के लिए प्रोत्साहन की बात भी मॉर्गन स्टेनली ने की है।
2032 तक प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 5200 डॉलर होगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी भारत में प्रति व्यक्ति आय करीब 2200 अमेरिकी डॉलर है। जो 2032 तक बढ़कर 5200 डॉलर होगी। इससे लोगों के हाथ में चीजों को खरीदने के लिए काफी रकम आएगी। मॉर्गन स्टेनली ने भारत के भविष्य के बारे में कहा है कि वो मुद्रास्फीति कम होने और इक्विटी बाजार में भी अच्छे की उम्मीद करता है।
2024 में खंडित जनादेश से देश का विकास हो सकता है प्रभावित
मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि दुनिया के पूंजी बाजार प्रवाह में भारत की निर्भरता कम हो गई है। इससे भी उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने इसके साथ ही कुछ जोखिम भी भारत के लिए गिनाए हैं। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि भारत की जनता को सोच-समझकर अगले लोकसभा चुनाव में वोट देना चाहिए और खंडित जनादेश से देश का विकास प्रभावित हो सकता है। रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर पर अगर मंदी आई, 2024 में अगर किसी एक पार्टी को लोकसभा चुनाव में बहुमत न मिला, आपूर्ति में कमी हुई और इससे चीजों के दाम बढ़े और कुशल कारीगरों को हासिल करने में मुश्किल हुई, तो भारत के लिए दिक्कत हो सकती है।
बदलावों का क्या पड़ने वाला है प्रभाव
1. जीडीपी प्रतिशत के तौर पर विनिर्माण और कैपेक्स में लगातार वृद्धि।
2. निर्यात बाजार में हिस्सेदारी दोगुनी होगी।
3. खपत बास्केट में बड़े बदलाव होंगे।
4. मुद्रास्फीति में अस्थिरता कम होगी कम ब्याज दर साइकल।
5. चालू खाता घाटे में आसान ट्रेंड।
6. बढ़े जीडीपी की वजह से मुनाफे में उछाल होगा।
7. तेल की कीमतों में कमी होगी।
8. यूएस में मंदी का कम प्रभाव पड़ेगा।
9. वैल्यूएशन में री-रेटिंग होगी।
10. EM के लिए भारत का बीटा 0.6 तक गिरेगा।
यूपीआई से लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए हुआ
वित्त वर्ष 2023 के आखिरी महीने यानी मार्च में यूपीआई लेन-देन ने नया रिकॉर्ड बनाया। यूपीआई से हुआ लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर पहुंच गया। इस दौरान यूपीआई सौदों की संख्या भी 865 करोड़ के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। फरवरी महीने के मुकाबले में यूपीआई लेन-देन 13 फीसदी और सौदों की संख्या 18 फीसदी बढ़ी है। अगर पिछले साल मार्च की बात करें, तो उसकी तुलना में इस बार सौदों की संख्या 60 फीसदी और मूल्य के मामले में 45 फीसदी तेजी आई है। वहीं जनवरी में सौदों की संख्या 8 अरब थी जो कि फरवरी 7.5 अरब थी। मूल्य के हिसाब से देखा जाए, तो जनवरी में यूपीआई सौदों का कुल मूल्य 12.9 लाख करोड़ था वहीं फरवरी में 12.3 लाख करोड़ था।
मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 से बढ़कर 692 हुई
पीएम मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलाव के आंकड़ों पर नजर डालते हैं। वर्ष 2014 में देश के अंदर मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, जो अब बढ़कर 692 हो चुकी है। 2023 में एम्स की संख्या बढ़कर 24 हो चुकी है, जो 2014 में केवल 6 थी। 2014 तक देश में 723 यूनिवर्सिटी थीं, जो 2023 में बढ़कर 1472 हो चुकी हैं। 2014 तक देश में 16 आईआईटी संस्थान थे, जो 2023 में बढ़कर 23 हो चुके हैं। 2014 तक देश में 13 आईआईएम थे, जो अब 20 हो चुके हैं।
एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 148 हो गई
2014 में भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 2.34 लाख मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़कर 4.17 लाख मेगावाट हो गई। 2014 तक देश में 13 करोड़ गैस कनेक्शन थे, जो 2023 में बढ़कर 31 करोड़ हो गए। 2014 तक देश में नेशनल हाईवे की पहुंच 91,287 किमी तक थी, जो 2023 में 1.44 लाख से ज्यादा हो गई। 2014 तक देश में एयरपोर्ट की संख्या 74 थी, जो 2023 में बढ़कर 148 हो गई। 2014 तक देश में रेल मार्गों का 21,614 किमी हिस्सा ही इलेक्ट्रिक लाइन से जुड़ा था, 2023 में ये बढ़कर 58,812 किमी तक पहुंच गया।
जीडीपी में भारत 10वें स्थान से अब पांचवें स्थान पर
2014 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 20 खरब डॉलर के बराबर था, जो अब 37.3 खरब डॉलर है। प्रति व्यक्ति आय जो 2014 में 1,573.9 डॉलर थी, अब 2023 में 2,601 डॉलर है। रुपयों में मौजूदा कीमतों पर यह जीडीपी 2013-14 में 104.73 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 272.04 लाख करोड़ रुपये हो गई है। जीडीपी के मामले में भारत 2014 में 10वें स्थान पर था और अब यह पांचवें स्थान पर है। 2014 में भारत दुनिया की दसवीं अर्थव्यवस्था था अब पांचवें स्थान पर आ गया है। भारत अब विश्व का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है जबकि एक साल पहले 9वें नंबर पर था। यह सब मोदी विजन से ही संभव हो पाया है।
करीब 49 करोड़ बैंक खाते खुले, गांवों-शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने
पीएम मोदी के कार्यकाल में जनता के स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और शहरों में 12 करोड़ शौचालय बने। मोदी सरकार की जनधन योजना के तहत देशभर में 48.93 करोड़ लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाए। ये खाता जीरो बैलेंस के साथ शुरू होता है। पीएम मोदी की मुद्रा योजना में लोगों को बिना गारंटी के सस्ता ऋण दिया गया। इस योजना के तहत अब तक 40.82 करोड़ लोगों को 23.2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया।
3.45 करोड़ नए घर बने, 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन
पीएम आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए 3.45 करोड़ घर बनाए गए। मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी कनेक्शन की पहुंच बनी। केंद्र सरकार की जन आरोग्य योजना के तहत 4.44 करोड़ लोगों का इलाज हुआ। मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 12 करोड़ किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
11.66 करोड़ परिवारों को मिला नल से जल
मोदी सरकार की हर घर जल योजना के तहत अब तक 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहैया कराया जा चुका है। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुए कोविड टीकाकरण में अब तक 220.67 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।
वैश्विक जीडीपी में भारत का हिस्सा 2.6 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी हुआ
जब 2014 में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो वैश्विक जीडीपी में भारत का हिस्सा 2.6 फीसदी पर रहा था। आज इसे देखें तो ये बढ़कर 3.5 फीसदी पर आ चुका है। आजादी के 75वें साल में ये आंकड़ा देश का हौसला बढ़ाने का काम करता है। 2014 से लेकर अब तक देश के गुड्स एंड सर्विसेज (जीएसटी) कलेक्शन में 22 फीसदी का इजाफा देखा गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था को लेकर भारत सरकार का जो आर्थिक संकल्प है, ये आंकड़े उसकी बानगी हैं।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बना भारत
देश की तरक्की में इसके ऑटोमोबाइल सेक्टर का भी बड़ा हाथ है और साल 2022 में देश के नाम एक ऐसी कामयाबी लगी है जो इसको साफ तरह से साबित करती है। दरअसल 2022 में भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया। भारत में साल 2022 में कुल 42.5 लाख नई गाड़ियां बिकीं जबकि जापान में 2022 के दौरान कुल 42 लाख यूनिट्स गाड़ियों की बिक्री हुई। वैश्विक ऑटो बाजार में भारत ने जापान के दबदबे को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट होने का रुतबा भी हासिल किया है।
2014 में 74 हवाई अड्डे थे, जो अब 148 हो गए
2014 में 74 हवाई अड्डे थे, जो अब दोगुने यानी 148 हो गए हैं। वर्ष 2014-15 के दौरान 12 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क निर्माण हो रहा था, जो 2022-23 में बढ़कर 22.23 किमी प्रतिदिन हो गया है। जब हम यूपीए सरकार से तुलना करते हैं, तो केंद्र सरकार द्वारा सड़क निर्माण पर सालाना 10,000 करोड़ रुपये खर्च होता था, जो एनडीए के दौरान बढ़कर 15,000 करोड़ रुपये हो गया है। सड़कों के अलावा जलमार्ग, रेलवे का विस्तार और वंदे भारत के नाम से स्वदेशी तीव्र गाड़ियों का विस्तार हुआ है।
वित्त वर्ष 2022-23 में 770.18 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मोदी सरकार में पिछले नौ साल में भारत ने निर्यात में जो रिकार्ड कायम किया है वह अकल्पनीय है। यह पीएम मोदी की नीतियों का ही असर है कि भारत ने निर्यात के मोर्चे पर पिछले नौ साल में नित नए रिकॉर्ड बनाए हैं और वित्त वर्ष 2022-23 में 770.18 अरब डॉलर का निर्यात किया है जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 13.84 प्रतिशत ज्यादा है। निर्यात का नया कीर्तिमान स्थापित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारतवासी अपनी प्रतिभा और अपनी उद्यमशीलता की भावना का प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्व भारत की ओर आशा और उत्साह से देख रहा है।
मोदी राज में खिलौना से रक्षा उत्पाद तक दुनिया में बज रहा भारत का डंका
प्रधानमंत्री मोदी के विजनरी नेतृत्व में भारत दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। आज देश में ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जो तरक्की की नई बुलंदी न छू रहा हो। देश की आजादी के बाद कांग्रेस ने कई ऐसे क्षेत्र को उपेक्षित छोड़ दिया जिससे देश समग्र विकास से वंचित रहा। जो सेक्टर कल तक उपेक्षित था, पीएम मोदी की प्रेरणा से अब भारत उन क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। आज वैसी चीजों का भी निर्यात बढ़ा है जो पहले एक सपना समझा जाता था।
वह चाहे पूर्वोत्तर राज्यों से कृषि उत्पादों का निर्यात हो, खिलौना निर्यात हो, खादी का निर्यात हो, कालीन का निर्यात हो, दही-पनीर-चॉकलेट का निर्यात हो और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का निर्यात हो। इसके साथ ही रक्षा उत्पाद निर्यात में भारत ने लंबी छलांग लगाई है। कुछ साल पहले तक इनके निर्यात पर कभी चर्चा भी नहीं होती थी क्योंकि निर्यात नगण्य था। पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल में हर उस सेक्टर की सुध ली गई है जिसमें भारत अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता है।