5 महीने में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने जोड़े 1 करोड़ निवेशक, 11 करोड़ का आंकड़ा किया पार

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) में विशिष्ट पंजीकृत निवेशकों की संख्या 11 करोड़ को पार कर गई है. इसमें एक करोड़ की नवीनतम वृद्धि महज पांच महीने में हुई है. यह प्रत्यक्ष माध्यमों से शेयर बाजार (Stock Market) निवेशकों की भागीदारी को दर्शाता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में हाल के दिनों में निवेशक पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पिछले पांच सालों में 3.6 गुना बढ़ी है.

1994 में हुई एनएसई की शुरुआत

1994 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के परिचालन की शुरुआत के बाद से 1 करोड़ निवेशकों तक पहुंचने में 14 वर्ष लग गए. इसके बाद यह गति तेज हो गई, अगले 1 करोड़ पंजीकरण में करीब 7 वर्ष लगे, उसके बाद अगले एक करोड़ के लिए 3.5 साल और फिर चौथे करोड़ को जोड़ने में एक साल से थोड़ा ज़्यादा समय लगा.

एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा, “नए साल की शुरुआत के साथ ही भारत के पूंजी बाजारों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है. एनएसई में पंजीकृत निवेशकों की संख्या 11 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है.

अगस्त में 10 करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद से महज पांच महीनों में एक करोड़ से अधिक नए निवेशकों के जुड़ने के साथ यह तीव्र वृद्धि, संपत्ति सृजन के एक विश्वसनीय माध्यम के रूप में शेयर बाजार में भारतीय जनता के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है.”

21 करोड़ हुई पंजीकृत क्लाइंट कोड की संख्या

इसके साथ ही एक्सचेंज में पंजीकृत क्लाइंट कोड (खातों) की कुल संख्या 21 करोड़ हो गई है. इसमें अब तक किए गए सभी क्लाइंट पंजीकरण शामिल हैं. विशेष बात यह है कि ग्राहक एक से अधिक ट्रेडिंग सदस्यों के साथ पंजीकरण करा सकते हैं. ष्णन ने कहा कि डिजिटल पहुंच में वृद्धि, निवेशकों की बढ़ती शिक्षा और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने वाली सरकारी पहलों जैसे कारकों ने इस उछाल को बढ़ावा दिया है.

इसके अलावा, युवा, तकनीक-प्रेमी आबादी और इक्विटी निवेश के लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता ने इस प्रवृत्ति को और तेज कर दिया है. निवेशक वृद्धि शहरी केंद्रों से आगे भी बढ़ी है, देश में 30 पिन कोड को छोड़कर सभी स्थानों पर निवेशक एक्सचेंज के साथ पंजीकृत हैं, जिसका अर्थ है कि देश में 99.84 प्रतिशत कवरेज है.

गोलिक दृष्टि से, महाराष्ट्र 1.8 करोड़ पंजीकृत निवेशकों के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद उत्तर प्रदेश 1.2 करोड़ और गुजरात 98 लाख के साथ दूसरे स्थान पर है, तथा इन तीन राज्यों में 11 करोड़ निवेशकों का 36.6 प्रतिशत हिस्सा है.

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