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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत ने बागवानी निर्यात के क्षेत्र में एक अहम उपलब्धि हासिल की है. महाराष्ट्र से न्यूयॉर्क तक समुद्री मार्ग से 14 टन अनार की पहली खेप सफलतापूर्वक भेजी गई है. यह कदम अमेरिका जैसे बड़े बाजार में भारत के बागवानी उत्पादों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलता है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने अमेरिका के कृषि विभाग के पशु और पादप स्वास्थ्य निरीक्षण सेवा, राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन और सोलापुर स्थित ICAR-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र के साथ मिलकर इस पहल को अंजाम दिया है.
समुद्री मार्ग से यह वाणिज्यिक शिपमेंट सफल परीक्षणों के बाद किया गया, जिससे फलों की शेल्फ लाइफ 60 दिन तक बढ़ाई जा सकी. इस खेप में 4,620 बॉक्स शामिल थे और पांच सप्ताह में इसे डिलीवर किया गया. गुणवत्ता और उपस्थिति दोनों के लिहाज से इसे अमेरिका में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. APEDA अध्यक्ष अभिषेक देव ने कहा, “यह प्रयास भारत के बागवानी उत्पादकों को वैश्विक सप्लाई चेन में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है. समुद्री मार्ग जैसे विकल्पों से लागत कम होगी और नए बाज़ारों तक पहुंच बनेगी.”
इस निर्यात को मुंबई स्थित के बी एक्सपोर्ट्स द्वारा संचालित किया गया और वाशी स्थित विकिरण सुविधा केंद्र से भेजा गया। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2024 में एपीडा ने नियामक प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ पूर्व-मंजूरी कार्यक्रम भी आयोजित किया था. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 72,011 मीट्रिक टन अनार का निर्यात किया था जिसकी कीमत 69.08 मिलियन अमेरिकी डॉलर रही. वहीं, 2024-25 की अप्रैल से जनवरी अवधि में यह निर्यात 59.76 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो साल-दर-साल 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
अब तक भारत के प्रमुख अनार निर्यात बाजारों में यूएई, बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब और श्रीलंका शामिल थे। अमेरिका की एंट्री से यह सूची और मजबूत हो गई है, जिससे निर्यातकों को नया भरोसा मिला है.