अब आसमान में उड़ान नहीं भरेगी Go First, NCLT ने दिया परिसमापन का आदेश

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Go First Airline: एविएशन कंपनी गो फर्स्‍ट (Go First) अब आसामान में उड़ान नहीं भरेगी. सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया, जिससे बजट एयरलाइन के खिलाफ 20 महीने से चल रही दिवालिया कार्यवाही खत्‍म हो गई. अब एयरलाइन गो फर्स्‍ट की संपत्तियों को बेच कर उसके कर्ज का भुगतान किया जाएगा. फिर कंपनी को भंग किया जाएगा. गो फर्स्‍ट एयरवेज के कर्जदाताओं की कमेटी (सीओसी) ने NCLT से एयरलाइन को समाप्‍त करने का अनुरोध किया था.

तीन से बंद से कंपनी का परिचालन

वित्‍तीय समस्‍याओं के वजह से कंपनी का परिचालन पिछले करीब तीन साल से बंद है. गो फर्स्‍ट एयरलाइन ने मई 2023 में वित्तीय संकट का हवाला देते हुए स्वैच्छिक तौर पर दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था. एनसीएलटी ने 15 पृष्ठ के आदेश में कहा कि वह कंपनी गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. के लिक्विडेशन का आदेश दे रहा है.

इतने समय तक गो फर्स्‍ट ने दी सर्विस

एनसीएलटी ने बताया कि योजना में कर्जदाताओं की समिति को अपने गठन के बाद और समाधान योजना की पुष्टि से पहले किसी भी समय संबंधित कंपनी के लिक्विडेशन का निर्णय लेने का अधिकार है. गो एयर का नाम बदलकर गो फर्स्ट किया गया था। कंपनी ने 17 साल से अधिक समय तक सर्विस प्रदान की. एयरलाइन का परिचालन तीन मई, 2023 से निलंबित है.

54 विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द

दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान, कम से कम 2 बोलीदाता स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह के साथ बिजी बी एयरवेज और शारजाह बेस्ड विमानन इकाई स्काई वन थे. यात्रा पोर्टल ईज माई ट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी बिजी बी एयरवेज में बहुलांश शेयरधारक है. इस बीच, विमानन नियामक डीजीसीए ने गो फर्स्ट के 54 फ्लाइट्स का पंजीकरण कैसिंल कर दिया है. समाधान प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और अब न्यायाधिकरण ने एयरलाइन के लिक्विडेशन का आदेश दिया है.

इस समय हुई थी घरेलू परिचालन की शुरुआत

गो फर्स्‍ट एयरलाइन ने 2005-06 में पहली उड़ान के साथ घरेलू परिचालन शुरू किया. पहली उड़ान मुंबई से अहमदाबाद के लिए भरी थी. इसके बाद एयरलाइन ने 2018-19 में अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया. परिचालन शुरू करने के बाद से गो फर्स्ट ने एयरबस को 72 ए320 नियो विमानों के लिए 2 ऑर्डर दिए. ये ऑर्डर 2011-12 और 2016-17 में दिए गए थे. वित्‍तीय समस्‍या से जूझ रही एयरलाइन ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,800 करोड़ रुपये के नुकसान की जानकारी दी.

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