अब NPCI तय करेगा UPI लेनदेन पर पर्सन-टू-मर्चेंट भुगतान की सीमा: RBI

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से पर्सन-टू-मर्चेंट लेनदेन की सीमा निर्धारित करने का कार्य भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा किया जाएगा, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने बुधवार को यह जानकारी दी. मौजूदा समय में यूपीआई सिस्टम के तहत पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट भुगतान की सीमा एक लाख रुपये निर्धारित की गई है.
हालांकि, कुछ विशेष मामलों में पर्सन-टू-मर्चेंट के तहत यह सीमा दो लाख रुपये और पांच लाख रुपये है. मल्होत्रा ने 54वीं मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद कहा कि यूपीआई इकोसिस्टम को कुशल बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अब एनपीसीआई जरूरतों के आधार पर सीमाएं निर्धारित करेगा. उन्होंने आगे कहा कि उच्च सीमा से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए उचित सुरक्षा उपाय किए जाएंगे. बैंकों को एनपीसीआई द्वारा घोषित सीमाओं के भीतर अपनी
आंतरिक सीमा तय करने का अधिकार जारी रहेगा. केंद्रीय बैंक ने कहा, यूपीआई पर पी2पी लेनदेन की सीमा पहले की तरह 1 लाख रुपये ही रहेगी. आरबीआई प्रमुख ने मौद्रिक नीति की घोषणा के दौरान कहा कि पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर बैंकों और अन्य पक्षधारकों से बातचीत करने के बाद ही निर्णय लेंगे. यूपीआई लेनदेन मार्च में मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत बढ़कर 18.3 अरब पर पहुंच गए हैं। फरवरी में यह आंकड़ा 16.11 अरब पर था.
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, यूपीआई के जरिए मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए थे। यह फरवरी में हुए 21.96 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन के मुकाबले 12.79 प्रतिशत अधिक है.दैनिक आधार पर यूपीआई नेटवर्क से औसत 590 मिलियन से अधिक लेनदेन हो रहे हैं। इनकी वैल्यू करीब 79,910 करोड़ रुपये है. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की दूसरी छमाही यूपीआई ट्रांजैक्शन में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर कुल 93.23 अरब लेनदेन तक पहुंच गई है.
–आईएएनएस

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