प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में यातायात की भीड़भाड़ कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पटना-सासाराम चार लेन कॉरिडोर परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी देने की घोषणा की. यह जानकारी पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा करते हुए दी. उन्होंने लिखा, “बिहार की प्रगति को बढ़ावा! कैबिनेट द्वारा पटना-आरा-सासाराम चार लेन ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड कॉरिडोर को मंजूरी मिलना बिहार के लोगों के लिए शानदार खबर है. यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और यातायात भीड़भाड़ को कम करेगा.”
यह परियोजना ₹3,712.40 करोड़ की लागत से पूरी की जाएगी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने मंजूरी दी है. इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 120.10 किमी होगी और यह पटना से सासाराम तक एक आधुनिक एक्सेस-कंट्रोल्ड राजमार्ग होगा.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में सासाराम, आरा और पटना के बीच की कनेक्टिविटी राज्य राजमार्गों (SH-2, SH-12, SH-81 और SH-102) पर निर्भर है, जिससे सफर में 3-4 घंटे का समय लगता है. इस नई परियोजना के तहत ग्रीनफील्ड विकास और 10.6 किमी मौजूदा ब्राउनफील्ड राजमार्ग के उन्नयन का कार्य हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल (HAM) के तहत किया जाएगा. यह कॉरिडोर आरा, गरहनी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे प्रमुख स्थानों की यातायात समस्या को हल करेगा.
यह कॉरिडोर NH-19, NH-319, NH-922, NH-131G और NH-120 जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ेगा, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना तक आसान यात्रा संभव होगी. इसके अलावा, यह पटना के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और निर्माणाधीन बिहटा हवाई अड्डे, चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर और पटना) और पटना इनलैंड वाटर टर्मिनल को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर परियोजना के पूरा होने के बाद यह क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करेगा और लखनऊ, पटना, रांची और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ेगा. इससे बिहार में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और व्यापार एवं निवेश के नए अवसर खुलेंगे. सरकार का अनुमान है कि इस परियोजना से लगभग 48 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित होगा, जिससे राज्य में नए विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.