भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में जहां हमेशा से पुरुषों का वर्चस्व रहा है, वहीं, सोमवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में एक्टिव फीमेल पॉइंट ऑफ सेल्सपर्सन (पीओएसपी) में पिछले वर्ष की तुलना में 62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है.
पीओएसपी मीडिएटर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, ग्राहकों के लिए बीमा उत्पादों को सरल बनाते हैं और पॉलिसी सेलेक्ट करने में उनकी मदद करते हैं. इंश्योरटेक प्लेटफॉर्म ‘प्रोबस’ की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं की-प्लेयर्स के रूप में उभर रही हैं, जो विविधता को बढ़ावा दे रही हैं और ग्राहक जुड़ाव बढ़ा रही हैं.
महिलाओं की संख्या में शानदार वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 से इस भूमिका में शामिल महिलाओं की कुल संख्या में 120 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि पीओएसपी पेशे में मौजूद लचीलेपन से प्रेरित है, जो महिलाओं को उनकी परिवारों की देखरेख करते हुए अपने काम के शेड्यूल को मैनेज करने की सुविधा देता है.
न्यूनतम प्रवेश बाधाओं के साथ-साथ वित्तीय स्वतंत्रता और सशक्तीकरण की बढ़ती आकांक्षाओं ने इस भूमिका को सार्थक करियर की तलाश करने वाली महिलाओं के लिए एक आदर्श विकल्प बना दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने इंश्योरेंस इकोसिस्टम में एक नया दृष्टिकोण पेश किया है, जिससे ग्राहकों का विश्वास और जुड़ाव बढ़ा है. महिला पीओएसपी ने वित्त वर्ष 2024 में प्रीमियम राजस्व में 15 प्रतिशत की वृद्धि की है.’
भारतीय बीमा बाजार
महिला पीओएसपी की शानदार वृद्धि भारत के इंश्योरेंस सेक्टर को आकार देने में समावेशिता, सशक्तीकरण और इनोवेशन की परिवर्तनकारी क्षमता को भी उजागर करती है. अपनी बढ़ती उपस्थिति के साथ महिलाएं स्थायी विकास को भी आगे बढ़ा रही हैं और उद्योग के मानदंडों को फिर से परिभाषित कर रही हैं.
भारत में इंश्योरेंस सेक्टर पिछले कुछ दशकों में काफी बढ़ा है. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के अनुसार, भारत में बीमा बाजार 2026 तक 222 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. अनुमान है कि भारत अगले 10 वर्षों में जर्मनी, कनाडा, इटली और दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ते हुए छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बन जाएगा.
–आईएएनएस
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