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जेएलएल इंडिया के मुताबिक, कॉरपोरेट्स की ओर से कार्यस्थलों की अधिक मांग के कारण इस साल जनवरी-मार्च में सात प्रमुख शहरों में कार्यालय स्थान की शुद्ध लीजिंग पिछले साल की तुलना में 54% बढ़कर 127.8 लाख वर्ग फीट हो गई. रियल एस्टेट कंसल्टेंट जेएलएल ने कहा कि शुद्ध अवशोषण की गणना नए कब्जे वाले फ्लोर स्पेस को खाली किए गए फ्लोर स्पेस से कम करके की जाती है. पहले से प्रतिबद्ध फ्लोर स्पेस को तब तक अवशोषित नहीं माना जाता है, जब तक कि उस पर भौतिक रूप से कब्जा न हो जाए.
इस साल जनवरी-मार्च में कार्यालय स्थान की सकल लीजिंग 28% बढ़कर 19.46 मिलियन (194.6 लाख) वर्ग फीट हो गई, जो किसी भी कैलेंडर वर्ष की पिछली सभी पहली तिमाहियों में सबसे अधिक है. सकल लीजिंग से तात्पर्य उस अवधि के दौरान दर्ज किए गए सभी लीज लेनदेन से है, जिसमें पुष्टि की गई पूर्व-प्रतिबद्धताएं शामिल हैं, लेकिन इसमें अवधि नवीनीकरण शामिल नहीं हैं. चर्चा के चरण में सौदे शामिल नहीं हैं. सात शहर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे हैं.