India’s Fuel Consumption: देश में पेट्रोल-डीजल की मांग नवंबर में बढ़ी. शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला. अक्टूबर में मांग में गिरावट देखी गई थी. त्योहारी सीजन के कारण नवंबर में भारत में पेट्रोल और डीजल की खपत में बढ़ोतरी हुई. पेट्रोल की बिक्री में सालाना वृद्धि देखी गई, जबकि मानसून के बाद से डीजल की बिक्री में गिरावट आई है और नवंबर पहला महीना था, जिसमें खपत में वृद्धि हुई. पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2024 में भारत की ईंधन खपत में जोरदार उछाल आया, जिसमें पेट्रोल की बिक्री साल-दर-साल 9.2 प्रतिशत बढ़कर 3,418 हजार मीट्रिक टन हो गई.
देश में सबसे अधिक खपत वाले ईंधन डीजल में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जो 8.4 प्रतिशत बढ़कर 8,158 मीट्रिक टन हो गया. ATF खंड ने खपत में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 743 मीट्रिक टन तक मजबूत सुधार दिखाया, जो हवाई यात्रा में निरंतर बढ़ोतरी को दर्शाता है. घरेलू उपयोग में आने वाली LPG की मांग में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कुल 2,765 मीट्रिक टन थी. यह आंकड़ा आवासीय और औद्योगिक अनुप्रयोगों में स्थिर उपयोग को दर्शाता है.
पेट्रोल और डीजल खपत
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 की तुलना में सभी प्रमुख पेट्रोलियम उत्पादों में साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई. नवंबर 2022 की तुलना में पेट्रोल की खपत में 19.5% की वृद्धि हुई, जबकि डीजल के उपयोग में 5.1% की वृद्धि हुई.
ATF की बिक्री में बढ़ोतरी
दो साल की अवधि मेंATF ने 20.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी, जो विमानन क्षेत्र के महामारी के बाद के सुधार को रेखांकित करती है. नवंबर 2022 की तुलना में एलपीजी सेगमेंट में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई और नवंबर 2019 में प्री-कोविड स्तरों की तुलना में 22.36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई, जिसमें 4.12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर थी. पेट्रोल और डीजल ने भी महामारी से पहले की अवधि की तुलना में मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो क्रमश: 34.83 प्रतिशत (CAGR: 6.16 प्रतिशत) और 7.83 प्रतिशत (CAGR: 1.52 प्रतिशत) थी.
डीजल का दबदबा
डीजल की खपत ने अपना दबदबा बनाए रखा, ईंधन की टोकरी में इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। 8.4 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि महीने के दौरान परिवहन और औद्योगिक संचालन में बढ़ी हुई गतिविधि को दर्शाती है. एक ऊर्जा विशेषज्ञ ने कहा, ‘पीपीएसी रिपोर्ट आर्थिक गतिविधि और यात्रा और औद्योगिक खपत में पुनरुद्धार द्वारा संचालित सभी क्षेत्रों में भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग को रेखांकित करती है. ईंधन की खपत में लगातार वृद्धि मजबूत रिकवरी रुझानों को दर्शाती है, जिसमें अधिकांश क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग महामारी से पहले के स्तर को पार कर गई है.’