भारत में प्राइवेट इक्विटी निवेश बढ़कर 15 बिलियन डॉलर पहुंचा, पिछले वर्ष की तुलना में 46.2 प्रतिशत की वृद्धि

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारत में प्राइवेट इक्विटी निवेश 2024 (Private Equity Investment 2024) में बढ़कर 15 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले साल की तुलना में 46.2% की वृद्धि दर्शाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थिर राजनीतिक परिदृश्य और अनुकूल नीतिगत माहौल के बीच स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्यूटिकल्स, उपभोक्ता-संबंधित उद्योग और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में ये वृद्धि देखने को मिलेगी. वैश्विक फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा प्रदान करने वाली संस्था एलएसईजी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत की बढ़ती मध्यम वर्ग की आबादी, मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम और मजबूत आईपीओ बाजार ने निवेशकों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए.

एलएसईजी डील्स इंटेलिजेंस की सीनियर मैनेजर एलेन टैन ने कहा, “भारत वित्तीय प्रायोजक गतिविधि के लिए एशिया प्रशांत में शीर्ष बाजारों में से एक बना हुआ है, इस अवधि के दौरान क्षेत्र के कुल इक्विटी निवेश का कम से कम 28% हिस्सा रहा, जो पिछले वर्ष के 15% बाजार हिस्सेदारी से अधिक है.” पिछले तीन सालों में जुटाए गए कुल पीई फंड लगभग 23 बिलियन डॉलर तक पहुंच गए, जिन्हें भारत में निवेश के लिए निर्धारित किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, “अनुकूल सरकारी पहल, प्रत्याशित वैश्विक मौद्रिक सहजता, विविध क्षेत्र के अवसर तथा ईएसजी को विकास रणनीतियों में एकीकृत करने में बढ़ती रुचि, 2025 में भारत में निजी इक्विटी गतिविधि को बढ़ावा देने वाले कुछ प्रमुख कारक हैं.”

स्थिर राजनीतिक परिदृश्य, अनुकूल नीति, बुनियादी ढांचे पर जोर 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा. वैश्विक ब्रोकरेज और वित्तीय संस्थानों के हालिया अनुमानों के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर राजनीतिक परिदृश्य, अनुकूल नीतिगत वातावरण, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) कार्यक्रमों के प्रभाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव और बुनियादी ढांचे पर खर्च पर सरकार की ओर से समर्थन मिलने की संभावना है. भारत के वृहद आर्थिक संकेतक प्रमुख बाजारों में मजबूत बने हुए हैं.

चालू खाता घाटा (CAD) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और वित्त वर्ष 25 के लिए इसके लगभग 1% रहने का अनुमान है. इसके अलावा, क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत सर्विस निर्यात से चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) के दौरान देश के CAD को सुरक्षित क्षेत्र में रखने में मदद मिलेगी. अधिकांश घरेलू मैक्रो और माइक्रो संकेतक स्थिर बने हुए हैं. उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, इन पहलुओं को देखते हुए, घरेलू इक्विटी बाजार आय पर केंद्रित है. सरकारी खर्च फिर से शुरू हो गया है, रोजगार बढ़ रहा है और आपूर्ति की अड़चनें कम हो रही हैं.

More Articles Like This

Exit mobile version