RBI MPC Meet 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. लगातार छठी बार प्रमुख नीतिगत दर यानी रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. इसका मतलब है कि आपकी होम लोन, वाहन लोन या अन्य किसी तरह के कर्ज की मासिक किस्त (EMI) पहली की तरह ही रहेगी.
मुंबई में शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति (RBI MPC) बैठक के बाद आज यानी 8 फरवरी को आरबीआई ने रेपो रेट पर अपने फैसले का खुलासा किया. आज सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी बैठक के फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि लगातार छठी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है. एमपीसी की छह सदस्यीय टीम ने 5-1 की सहमति पर ब्याज दर को बरकरार रखने का फैसला लिया.
वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन कियाः आरबीआई गवर्नर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC बैठक के बाद अपने संबोधन में बताया कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था ने अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों के बीच अच्छा प्रदर्शन किया है. महंगाई में कमी आती दिख रही है. गवर्नर ने कहा कि इस बार की मीटिंग में विस्तार से चर्चा के बाद एमपीसी ने फैसला किया है कि रेपो रेट को अभी 6.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रखा जाए. छह सदस्यीय टीम में से पांच सदस्य इसके समर्थन में रहे.
एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर के एलान की प्रमुख बातें
- 2024 में महंगाई दर में कमी आने का अनुमान
- खाद्य कीमतों में कमी का महंगाई पर असर.
- FY25 में भी विकास की दर बरकरार.
- ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
- रेपो रेट 5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है.
- FY25 के लिए महंगाई दर 5 प्रतिशत रहने की घोषणा
- FY24 में महंगाई दर का अनुमान 4 प्रतिशत पर बरकरार
- रुपये में स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत
- FY25 में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
- मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है:
- वृद्धि की गति तेज हो रही है और यह अधिकतर विश्लेषकों के अनुमानों से आगे निकल रही है:
- एमएसएफ (सीमांत स्थायी सुविधा दर) और बैंक दर 75 % पर बरकरार
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव जारी
- 2024 में वैश्विक वृद्धि रेट के स्थिर रहने का अनुमान
- एमपीसी मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य पर रखने को प्रतिबद्ध
- आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रहने की उम्मीद
- अंतरिम बजट के मुताबिक, सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चल रही
- ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है
- ऋण बाजार में नीतिगत दर में बदलाव का पूरा प्रभाव अभी तक नहीं पहुंचा है : गवर्नर दास
- वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत का सेवा निर्यात मजबूत रहा
- वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत का सेवा निर्यात मजबूत रहा
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5 अरब डॉलर पर; सभी विदेशी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त
ये भी पढ़ें :- Stock Market: गुरुवार को कैसे खुला शेयर बाजार? जानिए सेंसेक्स-निफ्टी का हाल