RBI का वार्षिक रिपोर्ट जारी, वित्त वर्ष 2024-25 में 7% वृद्धि दर रहने का अनुमान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

RBI Annual Report 2023-24: केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश की है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल से शुरू होने वाले चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है. बता दें रिजर्व बैंक ने आज यानी 30 मई को वार्षिक रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट में कहा है कि मुद्रास्फीति के निर्धारित स्तर की ओर बढ़ने से मुख्‍य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग मांग में तेजी आ सकती है.

आरबीआई ने रिपोर्ट में कहा… 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बाह्य क्षेत्र की मजबूती और विदेशी मुद्रा भंडार, घरेलू आर्थिक गतिविधियों को वैश्विक प्रभावों से बचाएंगे. रिपोर्ट में बताया गया है कि भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक जिंस मूल्य में उतार-चढ़ाव, अनिश्चित मौसमी घटनाक्रम वृद्धि की संभावनाओं के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा करते हैं. अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को एआई/एमएल प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने और बार-बार आने वाले जलवायु संबंधी झटकों से पैदा चुनौतियों से निपटना होगा.

केंद्रीय बैंक के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था अगले दशक में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के परिदृश्य में वृद्धि की गति को बढ़ाने के लिए अच्छी दशा में है. आरबीआई के रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों और कॉरपोरेट जगत की मजबूत बैलेंस शीट से समर्थित ठोस निवेश मांग के दम पर जीडीपी ग्रोथ मजबूत है.

बैंकों में पड़ी लावारिस जमा राशि में बढ़ोत्‍तरी

बैंकों में लावारिस जमा राशि मार्च 2024 के आखिरी में सालाना आधार पर 26 फीसदी बढ़ी है. इसके साथ ही यह 78,213 करोड़ रुपये हो गई है. जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष के पास राशि मार्च 2023 के लास्‍ट में 62,225 करोड़ रुपये थी. सहकारी बैंकों समेत बैंक अपने खातों में 10 या इससे अधिक वर्षों से पड़ी खाताधारकों की अदावाकृत जमाराशियों को आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) निधि में हस्‍तांतरण कर देते हैं.

ये भी पढ़ें :- ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने रचा इतिहास, क्लासिकल चेस में वर्ल्ड नबंर-1 कार्लसन को दी पटखनी

 

More Articles Like This

Exit mobile version