भारत के शीर्ष सात शहरों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट की बिक्री में इस वर्ष की जनवरी-मार्च अवधि के दौरान सालाना आधार पर 28% की बढ़त देखने को मिली है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रियल एस्टेट कंसल्टेंट सीबीआरई साउथ एशिया की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली तिमाही में 4 करोड़ से अधिक कीमत वाले लग्जरी सेगमेंट में 1,930 यूनिट्स की बिक्री हुई है.
देश के शीर्ष सात शहरों में सबसे ज्यादा 950 लग्जरी घरों की बिक्री दिल्ली एनसीआर में हुई. इसके बाद मुंबई का स्थान था, जिसकी कुल बिक्री में हिस्सेदारी 23% के करीब थी. दक्षिण भारतीय शहरों में बेंगलुरु में लग्जरी घरों की बिक्री में सबसे अधिक उछाल देखा गया. शहर में 2025 की जनवरी-मार्च अवधि में कुल 190 लग्जरी घरों की बिक्री हुई है. यह आंकड़ा 2024 की समान अवधि में 20 यूनिट्स पर था.
वहीं, कोलकाता और चेन्नई की कुल लग्जरी सेगमेंट में हिस्सेदारी 5 प्रतिशत रही. रिपोर्ट में बताया गया कि हाई-एंड सेगमेंट की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 27% और मिड-एंड सेगमेंट की हिस्सेदारी 25% रही. सीबीआरई में इंडिया, साउथ-ईस्ट एशिया, मीडिल ईस्ट और अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ, अंशुमन मैगजीन ने कहा कि बढ़ती डिस्पोजेबल आय, जीवनशैली में सुधार और फ्यूचर-रेडी लिविंग स्पेस की चाहत के कारण लक्जरी और हाई-एंड सेगमेंट में तेजी जारी है.
हमें उम्मीद है कि आवासीय मांग स्थिर रहेगी क्योंकि इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और फंडिंग तक पहुंच प्रमुख शहरों में घरों की मांग को सपोर्ट कर रही है। रेपो दर में हाल ही में की गई कटौती से खरीदारी में सुधार आ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का आवासीय बाजार 2025 में स्थिर रह सकता है, जिसे घरों की बढ़ती मांग, आय में बढ़ोतरी होने और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार से फायदा मिलेगा.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आरबीआई द्वारा रेपो में कटौती से ईएमआई और रेंटल के बीच अंतर कम होगा। इससे घरों की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वर्ष 2023-24 के दौरान पर्याप्त भूमि अधिग्रहण के कारण, वर्ष के दौरान नए प्रोजेक्ट लॉन्च उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद है.
–आईएएनएस