दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना में 42 आवेदक कंपनियों (28 MSME सहित) ने 3,925 करोड़ रुपये का संचयी निवेश और 12,384 करोड़ रुपये (30 सितंबर तक) तक निर्यात किया है, सरकार ने बुधवार को संसद को सूचित किया. यह PLI योजना जून 2021 में 12,195 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ शुरू की गई थी. संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी (Chandra Shekhar Pemmasani) ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि सितंबर तक, आवेदक कंपनियों ने 65,320 करोड़ रुपये की कुल बिक्री की थी.
क्या है टेलीकॉम पीएलआई की खास बात ?
टेलीकॉम पीएलआई स्कीम की खास बात यह है कि इसमें 33 टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए 4 से लेकर 7% इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. MSME को पहले तीन साल के लिए एक प्रतिशत अतिरिक्त इंसेंटिव और भारत में डिजाइन उत्पादों के लिए भी एक प्रतिशत अतिरिक्त इंसेंटिव कंपनियों को दिया जा रहा है. चंद्र शेखर पेम्मासानी ने बताया, स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए टेक्नोलॉजी, उत्पादों और सेवाओं के अनुसंधान और विकास के फंडिंग के उद्देश्य से 2022 में टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (टीटीडीएफ) योजना शुरू की गई थी.
PLI Scheme 2020 में लॉन्च की गई थी
बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के लिए PLI Scheme 2020 में लॉन्च की गई थी. इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण में शामिल पात्र कंपनियों को वृद्धिशील बिक्री पर इंसेंटिव दिए जाते हैं. इसके अलावा सरकार ने देश में प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए रेडी बिल्ट फैक्ट्री (RBF) शेड/प्लग एंड प्ले सहित सामान्य सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने के लिए संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC 2.0) योजना को भी 2020 में अधिसूचित किया था. सरकार की कोशिश PLI के जरिए भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है.
-आईएएनएस