क्या है ‘पाप का टैक्स’… जिसमें हर बजट में होता है इजाफा? जानिए

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sin Tax: वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. उम्‍मीद जताई जा रही है कि चुनावी साल होने की वजह से इसमें बड़े बदलाव नहीं किए जाएंगे. करदाताओं को टैक्‍स में छूट का इंतजार है, लेकिन वित्‍त मंत्री ने संकेत दिए हैं कि बड़ी घोषणाओं को वो आगामी सरकार के ऊपर छोड़ेंगी. बात करें टैक्‍स की तो एक टैक्‍स ऐसा भी होता है जिसमें हर बजट में इजाफा होता ही है. इस टैक्‍स को ‘पाप का टैक्‍स’ कहा जाता है. औपचारिक रूप से इसे सिन टैक्‍स कहा जाता है. आइए जानते हैं सिन टैक्‍स के बारे में…

इन प्रोडक्‍ट पर लगता है सिन टैक्‍स

सिन टैक्‍स उन उत्पादों पर लगाया जाता है जिन्हें समाज के लिए हानिकारक समझा जाता है. इसमें तम्बाकू, जुआ, शराब व सिगरेट आदि शामिल है. इन उत्‍पादों पर लगाया जाने वाला यह बड़ा कर है. लोगों को सामाजिक रूप से हानिकारक गतिविधियों में भाग लेने से रोकने के लिए सिन टैक्‍स लागू किया गया है. इसका मकसद हानिकारक प्रोडक्‍ट्स को अधिक महंगा बनाकर उनकी खपत को कम करना या समाप्त करना है.

इस टैक्स से सरकार को दोहरा लाभ

भारत लगातार सिगरेट, शराब और पान मसाला जैसे प्रोडक्ट पर भारी टैक्‍स बढ़ाता जा रहा है. यह दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा ‘पाप का टैक्‍स’ लगता है. इस टैक्स से दोहरे लाभ होते हैं. पहला सरकार का राजस्‍व बढ़ता है. साथ ही सिगरेट, शराब और तम्बाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का जनता विरोध भी नहीं करती. दूसरा इससे लोगों के स्वास्थ्य को बचाने में भी मदद मिलती है. सिन टैक्स बढ़ने से इन प्रोडक्ट का निर्माण करने वाली कंपनियों पर भी भार पड़ता है.

 हर बजट में किया जाता है इजाफा 

यही वजह है कि इस कर को हर सरकार के लिए एक दुधारू गाय के तौर पर देखा जाता है. कोई भी सरकार अपने हर बजट का इस्तेमाल इन प्रोडक्‍ट्स पर चोट करने के लिए करती है. ऐसे में उम्‍मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्री इस अंतरिम बजट में भी इन उत्‍पादों पर सिन टैक्स बढ़ा कर सकती हैं.

पूरी दुनिया में लगता है ये टैक्स

‘पाप का टैक्स’ पूरी दुनिया में लगाया जाता है. 1776 में, अर्थशास्त्र के जनक एडम स्मिथ ने लिखा कि सिगरेट, रम और चीनी पर टैक्‍स उचित हैं. यूके, स्वीडन और कनाडा जैसे देश तंबाकू और शराब से लेकर लॉटरी, जुआ और ईंधन तक कई उत्पादों और सेवाओं पर ये टैक्‍स लगाते हैं, जिससे अच्छा खासा राजस्व मिलता है. भारत में सिगरेट पर 52.7 प्रतिशत, बीड़ी पर 22 प्रतिशत और स्मोकलेस तंबाकू पर 63 प्रतिशत टैक्स लगता है.

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