60 प्रतिशत तक बढ़ा ग्रामीण उपभोक्ताओं की FMCG टोकरी का आकार: रिपोर्ट

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

ग्रुपएम और कैंटर द्वारा की ओर से जारी किए गए एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि बढ़ती आकांक्षाओं और क्रय शक्ति के कारण ग्रामीण उपभोक्ताओं ने अपनी FMCG टोकरी का आकार 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जो सुविधा और विविध आय स्रोतों से प्रेरित है. ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान और ई-कॉमर्स चैनलों के उपयोग में भी वृद्धि हुई है. साथ ही, ग्रामीण भारत का मीडिया उपभोग तेजी से हाइब्रिड होता जा रहा है, जिसमें करीब 2 में से 1 ग्रामीण उपभोक्ता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मीडिया से जुड़ा हुआ है. 2024 रूरल बैरोमीटर रिपोर्ट ने संकेत दिया,

“ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच औसत FMCG बास्केट के आकार में 60 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो 2022 में 5.8 से 2024 में 9.3 (श्रेणियाँ) हो जाएगी, जो कि सुविधा उत्पादों के लिए बढ़ती प्राथमिकता से प्रेरित है.” आवश्यक वस्तुओं के अलावा, वे रेडी-टू-ईट उत्पाद, पेय पदार्थ और सौंदर्य एवं सौंदर्य प्रसाधन जैसी श्रेणियाँ खरीदते देखे जाते हैं. जिन राज्यों में ग्रामीण उपभोक्ताओं की वित्तीय चिंताएँ कम हैं, वहाँ बास्केट के आकार में व्यापक रूप से वृद्धि देखी गई है. साथ ही, विविध आय धाराओं वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं की मासिक श्रेणी का आकार बड़ा है, ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है.

ग्रामीण आय में हुई है वृद्धि: पुनीत अवस्थी

वहीं, कंटार के इनसाइट्स डिविजन के स्पेशलिस्ट बिजनेस के निदेशक पुनीत अवस्थी (Puneet Awasth) ने कहा, “यह कई कारकों का संगम है जो ग्रामीण एफएमसीजी बास्केट के विस्तार को सक्षम कर रहा है. ग्रामीण आय में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से आय स्रोतों के विविधीकरण से, ग्रामीण उपभोक्ता जिनके पास आय स्रोतों के विविध सेट तक पहुंच है, वे कई श्रेणियों को खरीदने की अधिक संभावना रखते हैं. वित्तीय लचीलेपन में क्षेत्रीय अंतर वेतनभोगी आय सहित विविध रोजगार अवसरों से निकटता से जुड़े हुए हैं.”

ग्रामीण भारत में भुगतान, ई-कॉमर्स और गेमिंग के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का चलन बढ़ रहा है, जबकि फैशन, यात्रा और फिटनेस जैसी शैलियाँ ग्रामीण ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं के बीच उनकी उभरती आकांक्षाओं के अनुरूप लोकप्रिय हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, “ग्रामीण भारत में डिजिटल भुगतान की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जो अब सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के 42 प्रतिशत तक पहुँच गया है और ई-कॉमर्स, सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के 23 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है, जो वित्तीय और डिजिटल समावेशन में वृद्धि को दर्शाता है.

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