गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GEM) सरकारी खरीद के जरिए देश के स्टार्टअप्स का समर्थन कर रहा है और इससे इनोवेशन और विकास को बढ़ावा मिल रहा है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Union Ministry of Commerce and Industry) ने रविवार को यह जानकारी दी. हाल ही में स्टार्टअप महाकुंभ 2025 समाप्त हुआ है और इसमें बड़े स्तर पर देश के स्टार्टअप उद्यमियों ने भाग लिया, जो देश में बढ़ते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम को दिखाता है. रणनीतिक भागीदार के रूप में गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने इस आयोजन के दौरान विभिन्न स्टार्टअप्स, निवेशकों, नीति निर्माताओं और इंडस्ट्री लीडर्स के साथ काम किया.
मंत्रालय ने कहा, उनकी भागीदारी सरकारी बाजारों तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने, नए अवसरों को प्रोत्साहित करने और आत्मनिर्भर भारत के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान देकर भारतीय स्टार्टअप के विकास का समर्थन करने के लिए चल रहे प्रयास को दर्शाती है. इस आयोजन में भारत की डीपटेक, एग्रीटेक, बायोटेक, मेडटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गेमिंग के साथ अन्य क्षेत्रों में क्षमता को दिखाया गया है. गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस का उद्देश्य इनोवेटर्स और सरकारी खरीदार के बीच अंतर को पाटने का है, जिससे तेजी से स्केल करने, मार्केट में पहचान बनाने और भारत के इनोवेशन को मजबूत करने में मदद मिलती है.
जीईएम के सीईओ अजय भादू (CEO Ajay Bhadu) ने कहा, आइए हम सब मिलकर काम करें और स्टार्टअप के समावेशी विकास और आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने में सरकारी खरीद की वास्तविक क्षमता का उपयोग करें. तीन दिवसीय आयोजन के दौरान, जीईएम ने 2,500 से अधिक स्टार्टअप प्रश्नों का जवाब दिया, 1,000 से अधिक स्टार्टअप पंजीकरण और कैटलॉगिंग की सुविधा प्रदान की.
GEM के पवेलियन में 70 से अधिक इनोवेटिव स्टार्टअप्स ने भाग लिया, जिनमें जीईएम के ‘स्टार्ट-ओ-नॉट्स चैलेंज’ के विजेताओं को निःशुल्क प्रदान किए गए 30 स्टार्टअप पॉड्स भी शामिल हैं. GEM ने अब तक 30,000 से अधिक स्टार्टअप्स के लिए 38,500 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन को सक्षम बनाया है, जिससे भारत के इनोवेशन इकोसिस्टम (Innovation Ecosystem) में इसकी स्थिति मजबूत हुई है.