स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास और वृद्धि तथा देश में रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए लगातार विभिन्न प्रयास करती रहती है. 19 फरवरी 2019 को जारी जीएसआर अधिसूचना 127 (ई) के तहत निर्धारित पात्रता शर्तों के अनुसार उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त संस्थाओं ने कथित तौर पर 55 से अधिक विभिन्न उद्योगों में 16.6 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं, जिनमें प्रौद्योगिकी से परे के क्षेत्र भी शामिल हैं. ये स्टार्टअप , सिर्फ तकनीक से आगे बढ़कर, भारत के कार्यबल को मजबूत कर रहे हैं तथा नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं.
उद्योग द्वारा रोजगार सृजन
31 अक्टूबर, 2024 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान हुआ है. मुख्य हाइलाइट्स में शामिल हैं:
1. आईटी सेवाएँ: 2,04,119 नौकरियाँ
2. हेल्थकेयर और लाइफ साइंसेज: 1,47,639 नौकरियाँ
3. निर्माण: 88,702 नौकरियाँ
4. शिक्षा: 90,414 नौकरियाँ
5. खाद्य और पेय पदार्थ: 88,468 नौकरियाँ
6. वित्त प्रौद्योगिकी: 56,819 नौकरियाँ
अन्य उल्लेखनीय योगदानकर्ताओं में हरित प्रौद्योगिकी (27,808 नौकरियाँ), नवीकरणीय ऊर्जा (41,523 नौकरियाँ) और व्यावसायिक सेवाएँ (94,060 नौकरियाँ) शामिल हैं. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (23,918 नौकरियाँ) और रोबोटिक्स (5,956 नौकरियाँ) जैसे उभरते क्षेत्र भी आशाजनक वृद्धि दर्शाते हैं.
सरकारी योजनाओं के माध्यम से सहायता
16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल, स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करती है. स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम और स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम जैसे कार्यक्रम व्यवसाय जीवनचक्र के विभिन्न चरणों को पूरा करते हैं. राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार और नवाचार सप्ताह जैसी पहल देश भर में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा देती हैं.
स्टार्टअप इंडिया हब और भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों ने गैर-मेट्रो शहरों में स्टार्टअप के लिए संसाधनों और सहयोग तक पहुंच को सुव्यवस्थित किया है. इन प्रयासों का उद्देश्य उद्यमशीलता के अवसरों का विकेन्द्रीकरण करना है तथा टियर 2 और टियर 3 शहरों में समान लाभ सुनिश्चित करना है.
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना
भारत ने अपने G20 प्रेसीडेंसी के तहत स्टार्टअप 20 एंगेजमेंट ग्रुप जैसी पहलों के माध्यम से वैश्विक स्टार्टअप सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया है. यह समूह सीमा पार साझेदारी को बढ़ाता है और भारतीय स्टार्टअप को वैश्विक बाजारों और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है.
अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार पूर्वोत्तर में स्टार्टअप महाकुंभ और ASCEND कार्यशालाओं जैसे क्षमता निर्माण कार्यशालाओं और पारिस्थितिकी तंत्र विकास कार्यक्रमों का आयोजन करती है. ये कार्यक्रम जमीनी स्तर पर नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं और पूरे भारत में उद्यमियों को वित्तपोषण, मार्गदर्शन और व्यावसायिक संपर्क प्रदान करते हैं.