Stock Market: बड़ी गिरावट के साथ शेयर बाजार बंद, जानिए कितने अंक लुढ़के सेंसेक्स-निफ्टी

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Stock Market: हफ्ते के आखिरी कारोबार दिन यानी शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्स 732.96 अंक यानी 0.98 प्रतिशत टूटकर 73,878.15 पर बंद हुआ. इसी तरह नेशलन स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी 172.33 यानी 0.76 प्रतिशत फिसलकर 22,475.85 अंक पर बंद हुआ. बता दें कि आज शेयर बाजार की दमदार शुरुआत हुई थी, लेकिन बिकवाली के दबाव में शेयर बाजार टूट गया.

शेयर बाजार को नीचे ले जाने में सबसे ज्‍यादा योगदान रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति के शेयर का रहा है. इन दोनों में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. साथ ही तमाम हैवीवेट शेयर में बिकवाली दर्ज की गई. तो आइए जानते हैं वो वजह जिसके बाजार में आज बिकवाली आई.

आरआईएल, मारुति और एचडीएफसी बैंक में गिरावट 

भारतीय बाजार को नीचे गिराने में RIL, Maruti और HDFC Bank का योगदान रहा. ये हैवीवेट शेयर में बिकवाल आने से घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली.

India VIX में उछाल 

India VIX जो वोलैटिलिटी को दिखाता है वह 12 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 15.12 प्रतिशत हो गया है, जो कि Q4 की कमाई, चल रहे चुनाव के मौसम और यूएस फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती के समय सहित मार्केट की भावनाओं पर प्रभाव डालने वाले कारण बदल रहा है. इससे भी बाजार में गिरावट आई.

महंगाई का डर  

अमेरिका में लगातार चार महीनों तक महंगाई मार्केट की उम्मीदों से अधिक रहने से मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताएं बढ़ गई हैं. मई के पॉलिसी में अमेरिकी फेड ने अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य की दिशा में सीमित प्रगति को स्वीकार किया. साथ ही इस बात पर प्रकाश डाला कि महंगाई को लेकर अनिश्चितता है. इसका असर भी मार्केट पर देखा गया.

ब्याज दर में कमी की उम्मीद धूमिल

अमेरिका में महंगाई अभी भी लक्ष्य से ज्‍यादा है. इस वजह से निवेशकों को अब संदेह होने लगा है कि महंगाई को कम करने में हालिया निराशाजनक प्रगति को देखते हुए फेड कैलेंडर वर्ष 2024 में दर में ब्याज कम करेगा.

लोकसभा चुनाव का डर

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर मार्केट की अटकलों के चलते भी बाजार में बेतहाशा उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है. विश्लेषक के अनुसार, जैसे-जैसे हम 4 जून के चुनाव नतीजों की तारीख के करीब पहुंचेंगे, अस्थिरता और भी बढ़ने की संभावना है.

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