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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत के ऑटो कंपोनेंट्स और मेडिकल एवं वैज्ञानिक उपकरणों के निर्यात में पिछले 3 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, FY23-24 में ऑटो पार्ट्स का निर्यात बढ़कर $7.7 अरब हो गया, जो कि FY22 में $6.88 अरब था. अमेरिका, तुर्की, जर्मनी, मैक्सिको और ब्राजील प्रमुख निर्यात गंतव्य रहे, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता का संकेत मिलता है.
एक अधिकारी ने बताया कि भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में बदलाव विशेष रूप से मोटरसाइकिल पार्ट्स और एक्सेसरीज़ के निर्यात और आयात में देखा गया है. पहले भारत इन पर आयात निर्भरता रखता था, लेकिन अब निर्यात को बढ़ावा देकर विदेशी निर्भरता कम कर रहा है. FY25 के अप्रैल-जनवरी अवधि में मोटरसाइकिल पार्ट्स और एक्सेसरीज़ का निर्यात 27.09 प्रतिशत बढ़कर $709.22 मिलियन हो गया, जबकि FY22 की इसी अवधि में यह $558.05 मिलियन था. स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी भारत ने आयात पर निर्भरता कम करते हुए निर्यात को बढ़ावा दिया है.
FY24 में मेडिकल और वैज्ञानिक उपकरणों का निर्यात बढ़कर $2.43 अरब हो गया, जो कि FY22 में $1.73 अरब था. अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, यूएई और रूस शीर्ष निर्यात बाजार बने रहे. यह वृद्धि दर्शाती है कि भारत इस क्षेत्र में लगातार वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. भारत के कुल निर्यात में गिरावट के बावजूद कुछ क्षेत्रों ने शानदार प्रदर्शन किया. विशेष रूप से, खाद्य उत्पादों में कॉफी निर्यात सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला क्षेत्र रहा.
वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-फरवरी अवधि में इसमें 40.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल निर्यात $1.54 अरब तक पहुँच गया. इसमें इटली की 19.01 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, जबकि जर्मनी 12.42 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहा. भारत का निर्यात प्रदर्शन दर्शाता है कि ऑटो पार्ट्स, चिकित्सा उपकरण और कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देने से भारत वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.