घरेलू टेक स्टार्टअप्स ने कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली तिमाही में (जनवरी-मार्च अवधि में) अब तक 2.5 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है. इसमें पिछली तिमाही की अपेक्षा 13.64% और पिछले वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 8.7% का इजाफा देखने को मिला है. 2025 की पहली तिमाही में वैश्विक स्तर पर यूएस और यूके बाद भारतीय टेक स्टार्टअप को सबसे अधिक फंडिंग मिली है.
लेट-स्टेज राउंड में 2025 की पहली तिमाही में (अब तक) कुल 1.8 अरब डॉलर की फंडिंग मिली, जो कि 2024 की चौथी तिमाही में जुटाए गए 1.3 अरब डॉलर की तुलना में 38.46% अधिक है और यह राशि 2024 की पहली तिमाहीमें जुटाए गए 839 मिलियन डॉलर की तुलना में 114.54% अधिक है.
मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के अनुसार, इस तिमाही में कुल 38 अधिग्रहण हुए, जो पिछली तिमाही की तुलना में 15.15% और 2024 की पहली तिमाही में हुए 27 अधिग्रहणों की तुलना में 40.74% अधिक है. ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा कि फंडिंग का माहौल गतिशील बना हुआ है और भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम में ग्रोथ जारी है.
उन्होंने आगे कहा, “ऑटो टेक, एंटरप्राइज एप्लीकेशन और रिटेल जैसे प्रमुख सेक्टर निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं और अधिग्रहणों में वृद्धि एक परिपक्व बाजार का संकेत देती है. इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप स्टार्टअप इकोसिस्टम के मूल में बने हुए हैं, जो भारत को दीर्घकालिक सफलता के लिए तैयार कर रहे हैं.”
रिपोर्ट में बताया गया कि ऑटो टेक सेक्टर को 2025 की पहली तिमाही में 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग मिली है, जो कि 2024 की चौथी तिमाही के आंकड़े 214.6 मिलियन डॉलर से 403.35% और 2024 की पहली तिमाही के आंकड़े 245.7 मिलियन डॉलर से 339.71% अधिक है. एंटरप्राइज एप्लीकेशन सेक्टर को समीक्षा अवधि में 650.7 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है, जो कि इससे पिछली तिमाही में मिली 533.6 मिलियन डॉलर की फंडिंग से 21.94% अधिक है.
वहीं, रिटेल सेक्टर को 481.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है, जो कि पिछली तिमाही के मुकाबले 21.67% अधिक है. देश में सभी टेक स्टार्टअप्स को मिली फंडिंग में 40% हिस्सेदारी दिल्ली के स्टार्टअप्स की थी. इसके बाद बेंगलुरु की हिस्सेदारी 21.64% रही है.