अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच FDI निवेश में 45% का उछाल, 29.79 अरब डॉलर पर पहुंचा आंकड़ा

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अप्रैल-सितंबर 2024 में सालाना आधार पर 45% बढ़कर 29.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो सेवाओं, कंप्यूटर, दूरसंचार और फार्मा क्षेत्रों में मजबूत प्रवाह से प्रेरित है. प्रमुख योगदान देने वाले देशों में मॉरीशस, सिंगापुर और अमेरिका शामिल हैं. महाराष्ट्र को निवेश का सबसे अधिक हिस्सा मिला. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सेवा, कंप्यूटर, दूरसंचार और फार्मा क्षेत्रों में स्वस्थ प्रवाह के कारण इस वित्त वर्ष अप्रैल-सितंबर में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 45% बढ़कर 29.79 अरब डॉलर हो गया.

अप्रैल-सितंबर 2023-24 में FDI प्रवाह 20.5 अरब डॉलर था. जुलाई-सितंबर तिमाही में, पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 9.52 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले निवेश में सालाना आधार पर लगभग 43% की वृद्धि हुई और यह 13.6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया. अप्रैल-जून तिमाही में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 47.8% बढ़कर 16.17 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों से पता चला है कि कुल FDI, जिसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है, इस वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 28% बढ़कर 42.1 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल-सितंबर 2023-24 में 33.12 अरब डॉलर था.

इन देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में हुई वृद्धि

इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान, मॉरीशस (2.95 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 5.34 बिलियन अमरीकी डॉलर), सिंगापुर (5.22 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 7.53 बिलियन अमरीकी डॉलर), अमेरिका (2 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 2.57 बिलियन अमरीकी डॉलर), नीदरलैंड (1.92 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 3.58 बिलियन अमरीकी डॉलर), यूएई (1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 3.47 बिलियन अमरीकी डॉलर), केमैन आइलैंड्स (145 मिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 235 मिलियन अमरीकी डॉलर) और साइप्रस (35 मिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले 808 मिलियन अमरीकी डॉलर) सहित प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में वृद्धि हुई. हालांकि, जापान और यूके से प्रवाह में गिरावट आई.

क्षेत्रवार, सेवा, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, दूरसंचार, ऑटोमोबाइल, फार्मा और रसायन क्षेत्र में निवेश बढ़ा है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सेवाओं में एफडीआई बढ़कर 5.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. आंकड़ों के अनुसार, गैर-परंपरागत ऊर्जा में एफडीआई प्रवाह 2 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा. आंकड़ों से यह भी पता चला कि अप्रैल-सितंबर 2024-25 के दौरान महाराष्ट्र को सबसे अधिक 13.55 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ. इसके बाद कर्नाटक (3.54 बिलियन अमरीकी डॉलर), तेलंगाना (1.54 बिलियन अमरीकी डॉलर) और गुजरात (लगभग 4 बिलियन अमरीकी डॉलर) का स्थान रहा.

Latest News

IES यूनवर्सटी में छात्रों के दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन, पद्मश्री अशोक भगत को “डॉक्टर ऑफ़ फिलासफी” की मानद उपाधि से किया गया सम्मानित 

आईईएस विश्वविद्यालय में बुधवार, 4 दिसम्बर को छात्रों के दीक्षांत समारोह का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ. इस समारोह...

More Articles Like This

Exit mobile version