Toll Tax Revenue: हाईवे टोल वसूलने में इस राज्य ने मारी बाजी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी जानकारी

Raginee Rai
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Toll Tax Revenue: कभी न कभी आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आया होगा कि नेशनल हाईवेज पर जो टोल वसूला जाता है, उससे सरकार को कितना फायदा होता होगा. इसकी जानकारी अब सरकार ने खुद ही दे दी है. जी हां, साल 2000 में नेशनल हाईवेज पर टोल वसूलने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से लगभग 2.1 लाख करोड़ रुपये का यूजर शुल्क इकट्ठा किया गया है.

ये राशि हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क के निर्माण पर किए गए खर्च का एक छोटा सा हिस्सा है.  वहीं, पिछले 24 साल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल में चलने वाले टोल प्लाजा पर टैक्स के तौर पर 1.44 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा हुआ है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी.

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल वसूली

राज्यों के हिसाब से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्‍यादा टोल वसूली की गई है. यूपी का देश में सबसे बड़ा हाईवे नेटवर्क भी है. वहीं मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों से कोई टोल रेवेन्‍यू नहीं मिला है. एनएच-48 के गुड़गांव-जयपुर कॉरिडोर ने यूजर्स से करीब 8,528 करोड़ रुपये की रा‍शि वसूली है. ये आंकड़ा दिखाता है कि किस तरह से प्राइवेट कंपनियों ने हाईवे प्रोजेक्ट में किए गए निवेश की भरपाई की है.

45,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल वसूली

मौजूदा समय में भारत के नेशनल हाईवेज की कुल लंबाई लगभग 1.5 लाख किमी है जिसमें से 45,000 किमी पर टोल टैक्‍स वसूला जा रहा है. सरकार मात्र उन्हीं हाईवे पर टोल वसूलती है जो कम से कम ढाई लेन चौड़े हैं. इस समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा हाईवे को टोल के दायरे में लाया जाए ताकि राजस्व में और वृद्धि हो.

सरकार की भारी निवेश योजना

पिछले 5 वर्षों में सरकार ने नेशनल हाईवेज के निर्माण और रखरखाव पर 10.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. ये आंकड़ा दिखाता है कि सरकार सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास में लगातार भारी निवेश कर रही है ताकि आगामी सालों में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को और ज्यादा मजबूती मिले.

टोल वसूली का आंकड़ा

दिसंबर 2000 से पीपीपी मॉडल के तहत संचालित शुल्क प्लाजा पर लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपये का टोल टैक्‍स वसूला गया है. ये राशि नेशनल हाईवेज पर सभी टोल प्लाजाओं की ओर से इकट्ठी की गई है और ये सुनिश्चित किया गया है कि इन टोल प्लाजा का संचालन संबंधित नियमों और कन्सेशन एग्रीमेंट के तहत हो. सरकार की ये स्‍कीम न केवल सड़क निर्माण और रखरखाव को सुनिश्चित करती है बल्कि देश की इकोनॉमी में भी योगदान देती है.

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