Missile Defense System: भारत की मिसाइल रक्षा प्रणाली को नई ताकत मिलने जा रही है. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इजराइल की अग्रणी एयरोस्पेस एवं रक्षा कंपनी इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने एक संयुक्त उद्यम कंपनी (JVC) बनाने का ऐलान किया है.
बेंगलुरू मुख्यालय वाली बीईएल ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली में रजिस्टर्ड ऑफिस के साथ यह जॉइंट वेंचर कंपनी भारत के रक्षा बलों की मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) सिस्टम्स को दीर्घकालिक उत्पाद समर्थन प्रदान करने के लिए एकल संपर्क बिंदु (SPOC) होगी. इस जॉइंट वेंचर का नाम बीईएल आईएआई एयरोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड होगा.
सेनाओं के लिए कई जॉइंट प्रोग्राम्स पर सहयोग कर रही दोनों कंपनियां
बीईएल ने बयान में कहा कि ‘‘ यह साझेदारी दोनों कंपनियों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक और अहम कदम है, जिनका रणनीतिक कार्यक्रमों के लिए सहयोग का लंबा इतिहास रहा है. बीईएल और आईएआई तीनों सेनाओं के लिए कई संयुक्त कार्यक्रमों पर मदद कर रहे हैं.
बीईएल ने आगे कहा कि जॉइंट वेंचर कंपनी की स्थापना देश की MRSAM वायु रक्षा प्रणालियों के लिए तकनीकी और रखरखाव संबंधी समर्थन देने के लिए की गई है. जॉइंट वेंचर के तहत बनी कंपनी को आईएआई और बीईएल दोनों की क्षमताओं का लाभ मिलेगा. यह भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
जानें क्या है एमआरएसएएम प्रणाली
एमआरएसएएम एक एडवांस पाथ ब्रेकिंग एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. यह कई तरह के हवाई खतरों से सुरक्षा देता है. यह संयुक्त रूप से IAI और DRDO द्वारा भारत के रक्षा बलों के लिए विकसित किया गया था और मौजूदा समय में भारत के तीनों सेना यानी भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और इजरायली रक्षा बलों द्वारा भी उपयोग किया जाता है. इस प्रणाली में एक एडवांस फेस्ड एरे रडार, कमांड एंड कंट्रोल शेल्टर, मोबाइल लॉन्चर्स और एक एडवांस आरएफ सीकर के साथ इंटरसेप्टर शामिल है.
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