अमेरिकी चुनाव को लेकर चीनी निर्यातकों में मची खलबली, जानिए चीन की इकोनॉमी पर क्या होगा इसका प्रभाव

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US-China Trade War: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर चीन की चिंता बढ़ी हुई है. अमेरिका से सामान निर्यात करने वाले उद्योग डरे हुए हैं और भविष्य की योजनाएं बना रहे हैं. दरअसल रिपोर्ट के मुताबिक, यदि आने वाले समय में अमेरिका में ट्रंप की सरकार बनती है, तो माइक सागन की खिलौने बनाने वाली कंपनी एक साल के भीतर चीन से सप्लाई का आधा हिस्सा हटा लेगी.

वहीं, इससे पहले ही खेल का सामान और उपकरण बनाने वाली किडक्राफ्ट ने 20 फीसदी उत्पादन चीन से वियतनाम, भारत और अन्य जगहों पर स्थानांतरित कर दिया है.

कमला हैरिस कम आक्रामक

बता दें कि डोनाल्‍ड ट्रंप ने जुलाई 2018 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही चीनी उत्पादों पर 7.5 से 25 फीसदी तक टैक्स लगा दिया था. वहीं, अब 60 फीसदी का टैक्स लगाने की धमकी दे रहे हैं, जिसे सागन ने “कठोर” कहा है. ऐसे में सागन को उम्मीद है कि कमला हैरिस, ट्रंप से कम आक्रामक होंगी, लेकिन चीन से व्यापार में मुकाबला करना जारी रखेंगी. किडक्राफ्ट में सप्लाई चेन विभाग के उपाध्यक्ष सागन ने कहा कि ऐसे में सवाल ये है कि यह कितना मुश्किल होगा, अत्यधिक मुश्किल या सिर्फ मुश्किल?”

ज्यादातर निर्यातक चिंतित

दरअसन अमेरिका के टैरिफ की यह धमकी चीन के औद्योगिक ढांचे को हिला रही है, जो हर साल अमेरिका को 400 अरब डॉलर से अधिक का सामान बेचता है. ऐसे में अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, कई सारे चीनी निर्यातकों का कहना है कि यदि ट्रंप राष्ट्रपति बने, तो वे स्थानांतरण तेज करेंगे. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अगर ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाया, तो वे विदेशी कारखाने खोलेंगे.

हालांकि उत्‍पादकों का कहना है कि ऊंचे टैक्स चीन की सप्लाई चेन को प्रभावित करेंगे और चीनी मुनाफे को कम करेंगे, जिससे नौकरियों और निवेश पर भी असर पड़ेगा. व्यापार युद्ध उत्पादन लागत और अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों को बढ़ा सकते है, भले ही कारखाने कहीं और स्थानांतरित हों. फिलहाल, अमेरिकी चुनाव के परिणाम का उनकी अर्थव्यवस्था, व्यापार और अमेरिका से कूटनीतिक संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस मामले में अभी तक चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है.

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