WEF Meeting: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की 5 दिवसीय बैठकें सोमवार से दावोस में शुरू हो रही हैं. इस बैठक में भारत की ‘विविधता में एकता’ की पूरी झलक देखने को मिलेगी. डब्ल्यूईएफ में सोमवार से दुनिया के अमीर और ताकतवर लोग एकत्र होंगे. इस बार भारत से अबतक का सबसे बड़ा दल दावोस जा रहा है. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में 5 केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), सरकार, नागरिक समाज और कला और संस्कृति के क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज शामिल हैं. भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावोस रवाना होने से पहले कहा कि विश्व आर्थिक मंच में हमारी विचार प्रक्रिया, पीएम नरेन्द्र मोदी की आर्थिक नीतियों, डिजिटल परिवर्तन और जिस तरह से भारत ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक नया डिजिटल ढांचा बनाया है, उसे समझने में बहुत रुचि है.
ये चार केंद्रीय मंत्री भी होंगे शामिल
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ 4 केंद्रीय मंत्री- सी आर पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के राम मोहन नायडू भी इस बैठक में शिरकत करेंगे. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री क्रमशः देवेंद्र फडणवीस, एन चंद्र बाबू नायडू और ए रेवंत रेड्डी भी बैठक का हिस्सा बनेंगे. इसके अलावा, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और तमिलनाडु के टी आर बी राजा, केरल के पी राजीव समेत कई अन्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री भी यहां मौजूद रहेंगे. दावोस में उत्तर प्रदेश की भी मौजूदगी दिखेगी. यहां नेताओं में अभी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
महाराष्ट्र सरकार ने डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में सात लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है. वहीं तेलंगाना के सीएम रेड्डी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी डी श्रीधर बाबू और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निवेश के अपने हिस्से की तलाश कर रहे हैं. इसके अलावा बैठक में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य भी हिस्सा ले रहे हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार भी अपने मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के जरिए भारत को एक समग्र निवेश गंतव्य में तौर पर प्रस्तुत करेगी.
ग्लोबल आर्थिक तेजी में सुस्ती की आशंका
डब्ल्यूईएफ बैठक से पहले, दुनियाभर के मुख्य अर्थशास्त्रियों के एक सर्वे के मुताबिक, साल 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कमजोर होने की आशंका जताई गई है. हालांकि, भारत अपनी कुछ रफ्तार गंवाने के बाद भी मजबूत बढ़ोत्तरी दर्ज करेगा. अपने ताजा मुख्य अर्थशास्त्रियों के परिदृश्य में, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2025 में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. सर्वे में शामिल 56 फीसदी मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थितियों के कमजोर होने की संभावना जताई. मात्र 17 फीसदी अर्थशास्त्रियों का मानना था कि स्थिति में सुधार हो सकता है.
सर्वेक्षण के मुताबिक, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2025 में मजबूत वृद्धि दर्ज करने की आशंका है. दक्षिण एशिया, खासतौर से भारत भी मजबूत वृद्धि की रफ्तार बनाए रखेगा. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की समेत दुनिया के टॉप 60 राजनीतिक नेता डब्ल्यूईएफ की बैठक को संबोधित करेंगे.
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