New Delhi: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्री समूह (GOM) की 25 सितंबर को गोवा में बैठक होगी. बैठक में टैक्स स्लैब और रेट्स में बदलाव पर चर्चा हो सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि दर युक्तिकरण पर जीओएम की बैठक 25 सितंबर को होगी. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) की पिछली बैठक 22 अगस्त को हुई थी. 9 सितंबर को जीएसटी परिषद को स्थिति रिपोर्ट सौंपी गई थी. अगस्त की बैठक के दौरान, मंत्री समूह ने केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति को कुछ वस्तुओं पर कर दर परिवर्तन के प्रभाव का विश्लेषण करने और अधिक आंकड़े जुटाने का काम सौंपा था.
जीएसटी के 12% और 18% दर को मिलाने की योजना
वर्तमान में, जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की रेट्स हैं. जीएसटी के तहत, आवश्यक वस्तुओं को या तो छूट दी गई है या उन्हें निचले टैक्स स्लैब में रखा गया है, जबकि विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर सबसे ऊंचा टैक्स स्लैब लागू है. जीएसटी के 12 और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को मिलाने की बात की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है. लगभग 12 प्रतिशत के आसपास, औसत जीएसटी रेट 15.3 प्रतिशत की राजस्व तटस्थ दर से नीचे गिर गई है. इसने जीएसटी दर युक्तिकरण पर चर्चा शुरू करने की जरूरत को जन्म दिया है. कर्नाटक और पश्चिम बंगाल फिलहाल जीएसटी स्लैब में बदलाव के पक्ष में नहीं हैं.
जीएसटी स्लैब और रेट्स क्या है?
GST एक ऐसा टैक्स है जो किसी चीज को खरीदने पर लगता है. जो चीजें जरूरी होती हैं, उन पर कम कर लगता है, और जो चीजें महंगी या हानिकारक होती हैं, उन पर ज्यादा टैक्स लगता है. ये कर पूरे देश में एक जैसा होता है, जिससे टैक्स सिस्टम को आसान बना दिया गया है. जीएसटी के तहत, आवश्यक वस्तुओं को या तो छूट दी गई है या उन्हें निचले कर स्लैब में रखा गया है, जबकि महंगी और हानिकारक वस्तुओं पर सबसे ऊंचा कर स्लैब लागू है. इसपर सबसे अधिक 28 प्रतिशत स्लैब के ऊपर उपकर लगता है.
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