Women Employment India: केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की हाल ही में एक रिपोर्ट जारी हुआ है जिसमें पता चला है कि देश की महिलाओं का अब हर सेक्टर में बोलबाला है. इस रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर नौकरी के अवसर पा रही हैं. इसमें प्राइवेट और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र शामिल हैं. केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की ये रिपोर्ट बीते 6 साल के डेटा पर आधारित है, जिसमें अलग-अलग सेक्टर में महिला कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. यहां हम इस रिपोर्ट में जो आंकड़े दिए गए हैं, उनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
गांव में बढ़ी महिलाओं की ‘धमक’
केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं का वर्क फोर्स बीते 6 वर्ष में बढ़ा है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि गांव की आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं का ज्यादा योगदान होता है. फिर चाहे खेती-बाड़ी के काम हो या फिर पशुओं के दूध का कारोबार. गांव में ये सारे काम ज्यादातर महिलाएं ही करती हैं.
बढ़ी कामकाजी महिलाओं की भागीदारी
आज के समय में हवाई जहाज से लेकर कार-बस तक महिलाएं चला रही हैं. देश के विकास में इनकी भागीदारी प्रशंसनीय है. सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में महिला श्रम बल भागीदारी दर (FLFPR) 23 फीसदी बढ़ी है, जो 2017-18 में 24.6 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 47.6 फीसदी हो गई है. इसका सीधा अर्थ है कि ग्रामीण उत्पादन में महिलाओं का योगदान ज्यादा है.
बेरोजगारी दर में आई गिरावट
आज के समय में अधिकतर महिलाएं आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं. महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के शुरुआत के कारण 2017-18 के मुकाबले बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है. वहीं महिला श्रम बल भागीदारी (LFPR) 23.3% से बढ़कर 41.7 % पर पहुंच गया है. महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) 22 % से बढ़कर 40.3% हो गया है.
शिक्षा में भी महिलाओं का जलवा
2017-18 में 34.5 % महिलाएं पोस्ट ग्रेजुएट थी. जो 2023-24 में 39.6% हो गई हैं. ठीक इसी तरीके से हायर सेकेंडरी पास आउट में 12.5 % और प्राथमिक शिक्षा प्राप्त महिलाओं की संख्या में 25.3% का इजाफा हुआ है.
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