Women Led Startups: देश में स्टार्टअप्स क्रांति ने बीते 10 साल में एक नया आयाम लिया है. अब नए स्टार्टअप्स में महिलाओं का जलवा देखने को मिल रहा है. सरकार ने 1 फरवरी को संसद में देश का आम बजट पेश किया, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सारी घोषणाएं की.
बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले 31 जनवरी को सरकार ने देश के सामने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. इसमें पूरे साल के खर्च के ब्योरे के साथ ही महिलाओं को लेकर एक अच्छी खबर थी. खबर यह है कि भारत के स्टार्टअप्स में करीब 48 प्रतिशत कंपनियों में कम से कम एक महिला डायरेक्टर है.
48 प्रतिशत कंपनियों में महिला डायरेक्टर
एक तरफ जहां देश में स्टार्टअप और बड़ी-बड़ी कंपनियों को पुरुष संभाल रहे हैं. इस बीच ये एक अच्छी खबर है. शुक्रवार को संसद में पेश किए गए 2024-25 के इकोनॉमिक सर्वे से मालूम होता है कि 73,151 स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर है, जो कुल 152,139 DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप का 48 फीसदी से अधिक है.
स्टार्टअप कल्चर में हो रही बढ़ोत्तरी
बता दें कि भारत में पिछले कुछ सालों से स्टार्टअप कल्चर काफी तेजी से बढ़ा है. हर कोई खुद का काम करना चाह रहा है. इसके कई वजह हैं, जिसमें सबसे बड़ा वजह है लोग अपना काम करके ज्यादा पैसा कमाना चाह रहे हैं, जोकि नौकरी में शायद ही हो पाएगा. नौकरी में एक तय वेतन में काम चलाना पड़ता है. हालांकि, स्टार्टअप के भी अपनी कमियां हैं, क्योंकि सारे स्टार्टअप यूनिकॉर्न नहीं बन पाते हैं.
देश में स्टार्टअप कल्चर के ज्यादा लोकप्रिय होने के पीछे शार्क टैंक जैसे शो की भी अहम भूमिका है. इन सबके बीच समाज और देश के लिए अच्छी खबर ये है कि स्टार्टअप में सिर्फ पुरुष ही हिस्सा नहीं ले रहे हैं. बल्कि महिलाएं भी इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं और सफल हो रही हैं.
महिलाओं के हाथ में 73 हजार कंपनियां
इस बार के वित्त बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अन्नदाता, युवा और महिलाओं के विकास पर फोकस करने की अपनी बात दोहराई. बीते दिसंबर में DPIIT ने डाटा जारी कर इस बारे में जानकारी दी थी कि देश में शुरू हुए 1.57 लाख स्टार्टअप्स में से करीब 73 हजार ऐसी हैं, जिनमें कम से कम एक महिला डायरेक्टर है. इन स्टार्टअप्स को सरकार की ओर से ‘स्टार्टअप इंडिया पहल’ के तहत मान्यता दी गई है.
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